By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 10, 2022
कोलंबो| श्रीलंका की संसद में चर्चा के दौरान भारत के अडाणी समूह के साथ नवीकरणीय ऊर्जा करार का मुद्दा उठा है। संसद में बिजली संशोधन विधेयक पर चर्चा हो रही थी। संसद ने विपक्षी सांसदों और उद्योग ट्रेड यूनियनों के विरोध के बीच बृहस्पतिवार को इस विधेयक को पारित कर दिया।
विपक्ष ने आरोप लगाया कि अडाणी समूह के सहयोग के साथ उत्तरी तट पर 500 मेगावॉट का पवन बिजली संयंत्र लगाने के लिए सरकार के स्तर पर करार 1989 के कानून में संशोधन की प्रमुख वजह है। श्रीलंका बिजली विधेयक पर संशोधन के पक्ष में 120 मत पड़े।
श्रीलंका की संसद में कुल 225 सदस्य हैं। इसके विरोध में 36 वोट पड़े। 13 सांसदों ने वोटिंग में भाग नहीं लिया। इस विधेयक का सार्वजनिक क्षेत्र की सिलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (सीईबी) की ट्रेड यूनियनों द्वारा कड़ा विरोध किया जा रहा है।
सीईबी के इंजीनियरों ने चेतावनी दी है कि यदि ये संशोधन कानून में बदलते हैं वे हड़ताल पर चले जाएंगे।