Knight Frank के प्राइम ग्लोबल सिटीज़ इंडेक्स पर दिल्ली दुनिया में 10वां सबसे तेजी से बढ़ता बाजार

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 23, 2019

मुंबई। इंटरनेशनल प्रॉपर्टी कंसल्टेंट 'नाइट फ्रैंक' ने अपनी हालिया रिपोर्ट 'प्राइम ग्लोबल सिटीज इंडेक्स' में नई दिल्ली को दुनिया के 10वें सबसे तेजी से बढ़ते प्राइम मार्केट के रूप में जगह दी है। नई दिल्ली में 2019 की दूसरी तिमाही में वार्षिक पूंजी मूल्य वृद्धि 4.4% रही है। यह रिपोर्ट वैश्विक रूप से 46 शहरों में लक्जरी रेजिडेंशियल कीमतों में उतार-चढ़ाव की पड़ताल करती है। इंडेक्स ने रेखांकित किया है कि लक्जरी आवासीय कीमतों में साल में जून 2019 तक औसत 1.4% की बढ़ोतरी दर्ज की गई। सूची में बेंगलुरु (2.8%) और मुंबई (0.8%) क्रमशः 15वें और 30वें स्थान पर रहे। 

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बर्लिन इस इंडेक्स में सबसे ऊपर बना हुआ है, हालांकि, मार्च 2019 में 14.1% रही इसकी सालाना विकास दर धीमी होकर जून 2019 में 12.7% रह गई। तुलनात्मक रूप से समान अवधि में फ्रैंकफर्ट की वार्षिक मूल्य वृद्धि 9.6% से बढ़कर 12.0% हो गई और उसने मॉस्को को पीछे छोड़ते हुए दूसरा स्थान पाया। मास्को 2019 की दूसरी तिमाही में तीसरे नंबर पर फिसल गया। 76% (46 शहरों में से 35) ने जून 2019 तक साल में कीमतों में बढ़ोतरी दर्ज की। जिन 11 शहरों में कीमतों में गिरावट देखी गई, उनमें इस्तांबुल (-9.9%) और वैंकूवर (-13.6%) सबसे कमजोर बाजार रहे।

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लक्जरी संपत्तियों की सीमित आपूर्ति के चलते नई दिल्ली में पूंजीगत मूल्यों के भारित औसत में वृद्धि देखी गई। यह 33,511 रुपए प्रति वर्गफुट दर्ज की गई, जो 4.4% की वार्षिक वृद्धि है। समग्र रैंकिंग में नई दिल्ली 2019 की पहली तिमाही के सातवें स्थान से खिसककर 2019 की दूसरी तिमाही में 10वें स्थान पर पहुंच गई। प्राइम ग्लोबल सिटीज इंडेक्स में बेंगलुरु 2019 की पहली तिमाही में 20वें स्थान पर था, जो 2019 की दूसरी तिमाही में 15वें नंबर पर रहा। बेंगलुरु में प्राइम मार्केट का एक भारित औसत पूंजी मूल्य लगभग 19,000 रुपए प्रति वर्ग फुट दर्ज किया गया और यहां 2.8% की वार्षिक वृद्धि रही। महज 0.8% 12-मासी परिवर्तन के साथ मुंबई की 30वीं रैंक रही। वहां प्राइम प्रॉपर्टीज का भारित औसत पूंजी मूल्य 64,764 रुपए प्रति वर्ग फुट दर्ज किया गया।

 

सुस्त आर्थिक विकास को देखते हुए पिछले तीन महीनों में ब्याज दरों में कटौती की लहर को समझा जा सकता है क्योंकि नीति निर्माता विकास को प्रोत्साहित करने की कोशिश कर रहे हैं। क्षितिज पर प्रबल विपरीत हालात के साथ अगले तीन महीनों में बहुत कुछ छिपा है, अनुमान है कि 2020 में मजबूत होने से पहले इंडेक्स 2019 की दूसरी छमाही में नरम पड़ेगा।

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मुख्य निष्कर्ष:

 

·समग्र रैंकिंग में नई दिल्ली 2019 की पहली तिमाही के सातवें स्थान से तीन स्थान खिसककर 2019 की दूसरी तिमाही में 10वें स्थान पर पहुंच गई। बहरहाल, 12-मासी प्रतिशत बदलाव के लिहाज से यह फिसलन आगे और गिरावट के संकेत के बजाय चक्रीय अधिक है।

·2.8% 12-मासी परिवर्तन के साथ बेंगलुरु प्राइम ग्लोबल सिटीज इंडेक्स में 46 बाजारों के बीच 15वीं रैंक पर है।

·2019 की पहली तिमाही की तुलना में जब बेंगलुरु 12-मासी बदलाव के आधार पर 20वें स्थान पर था, इस तिमाही में शहर की रैंकिंग पांच स्थान ऊपर पहुंच गई है।

·पिछले 6 महीनों में केवल 1.7% उठाव के साथ बेंगलुरु में आवासीय परिसंपत्ति की कीमतें काफी हद तक एक समान बनी रही हैं और यह सेक्टर धीरे-धीरे दिक्कतों से निकल रहा है। हालांकि, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) संकट के गहरे बादल उद्योग के सहभागियों पर व्यापक रूप से मंडरा रहे हैं।

·0.8% के 12-मासी बदलाव के साथ मुंबई को प्राइम ग्लोबल सिटीज इंडेक्स में 46 बाजारों के बीच 30वां स्थान मिला है। 2019 की पहली तिमाही में यह 31वें स्थान पर थी।

·मुंबई ने लक्जरी आवासीय बाजारों में उल्लेखनीय मंदी देखी है, जो ऊंची इन्वेंट्री और धीमी बिक्री की समस्या से पीड़ित है।

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नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर शिशिर बैजल कहते हैं, "कीमतों में मामूली बढ़ोतरी के साथ-साथ खरीदारों के कमजोर सेंटीमेंट से लगता है कि लक्जरी होम्स की मांग नरम बनी रहेगी। वैश्विक स्तर पर विपरीत आर्थिक परिस्थितियों के निरंतर असर ने विकसित और उभरते बाजारों में अग्रणी नीति निर्माताओं को ब्याज दरों में कटौती सहित नीतिगत उपायों के माध्यम से वैसा ही जवाब देने के लिए उकसाया है। जहां तक प्राइम रेजिडेंशियल मार्केट्स की बात है, तो उच्चतम वृद्धि के साथ प्रमुख यूरोपीय शहर आगे हैं।

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यूरोपीय और वैश्विक निवेशकों के लिए ये बाजार तेजी से लोकप्रिय निवेश केंद्र बन गए हैं और यहां चीनी आवासीय खरीदारों की मौजूदगी बढ़ रही है। घर की ओर लौटें, तो सस्ते और मिड-सैगमेंट को सहारा देने वाले ढांचागत सुधारों के चलते भारतीय आवासीय बाजार का ध्यान इसी सैगमेंट पर बना हुआ है। हालांकि, मुंबई और बेंगलुरु के प्राइम प्रॉपर्टी मार्केट्स में वृद्धि को स्थिरीकरण के संकेत के रूप में देखा जा सकता है। दिल्ली के बाजार की रैंक में गिरावट के बावजूद, 12 महीने की 4.4% सकारात्मक बढ़ोतरी सेहतमंद है, क्योंकि हम दिल्ली के मामले में सबसे प्राइम और परिपक्व रेजिडेंशियल पॉकेट्स को ट्रैक करते हैं।”

 

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