By रेनू तिवारी | Sep 23, 2022
भारी बारिश के बाद दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के कुछ हिस्सों में जलभराव हो गया। आने वाले दो से तीन दिनों में और बारिश के पूर्वानुमान के साथ नोएडा और गुड़गांव में कक्षा 1-8 के स्कूल बंद हैं। नोएडा, गुड़गांव और राष्ट्रीय राजधानी में मूसलाधार बारिश से सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। यातायात भी प्रभावित रहा। कई कंपनी ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहा हैं। गुरुवार को हुई भारी बारिश के कारण गुरुग्राम के कई हिस्सों में जलजमाव हो गया, जिससे जाम की स्थिति बन गई। राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में जलजमाव की भी खबर है।
बारिश के बीच राजीव चौक के पास जलभराव वाले अंडरपास से गुजरते यात्रियों को भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा हैं। शुक्रवार को सुबह भी बारिश जारी रही। पिछले दो दिन से लगातार हो रही हल्की व मध्यम बारिश से शहर में कई जगह पर जलजमाव होने के कारण यातायात प्रभावित हुआ है। मौसम विज्ञान विभाग ने शुक्रवार को और बारिश होने का अनुमान लगाया है।
बारिश के कारण नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आठवीं कक्षा तक के सभी सरकारी व निजी स्कूल शुक्रवार को बंद रहेंगे। जिला विद्यालय निरीक्षक धर्मवीर सिंह ने बताया कि मौसम विभाग ने क्षेत्र में बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है, जिसके बाद जिलाधिकारी सुहास एल. वाई ने स्कूल बंद करने का आदेश जारी किया। बृहस्पतिवार रात जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार सिंह ने कहा, “23 सितंबर को जिले में कक्षा 1 से 8 तक के सभी स्कूल बंद रहेंगे।” उत्तर प्रदेश तथा गौतम बुद्ध नगर समेत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर)के कुछ हिस्सों में बृहस्पतिवार और उससे पहले भारी बारिश हुई है। राज्य के कुछ इलाकों में बारिश के कारण जान-माल के नुकसान की भी सूचना है।
सफदरजंग वेधशाला में बृहस्पतिवार को शाम साढ़े पांच बजे से शुक्रवार को सुबह साढ़े आठ बजे के बीच 40.8 मिमी बारिश दर्ज की गई। लोधी रोड, रिज़ और आयानगर के मौसम केंद्रों में इस दौरान क्रमशः 44 मिमी, 24.6 मिमी और 60 मिमी बारिश दर्ज की गई। मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, दिल्ली विश्वविद्यालय क्षेत्र, जफरपुर, नजफगढ़, पूसा और मयूर विहार में क्रमशः एक मिमी, 1.5 मिमी, एक मिमी, 26.5 मिमी और 49.5 मिमी बारिश दर्ज की गई। बारिश होने के बाद लोगों को उमस भरे मौसम से राहत मिली है।
वहीं, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) से मानसून की वापसी से ठीक पहले बरसात के नए दौर ने अभी तक दर्ज बारिश की कमी को काफी हद तक दूर किया है, जिससे वायु गुणवत्ता के बेहतर होने और तापमान के नियंत्रित रहने की उम्मीद है।
आईएमडी ने मंगलवार को कहा था कि दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान और उससे सटे कच्छ के हिस्सों से दक्षिण पश्चिमी मानसून वापस लौट गया है। दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान से मानसून की वापसी अपने सामान्य समय 17 सितंबर से तीन दिन बाद हुई। आमतौर पर, पश्चिमी राजस्थान से मानसून की वापसी के बाद दिल्ली से मानसून के लौटने में करीब एक सप्ताह का समय लगता है। मौसम विज्ञान विभाग पांच दिन तक बारिश न होने, क्षेत्र में प्रति चक्रवात के बनने और पूरी तरह शुष्क मौसम होने पर दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी की घोषणा करता है।