By अंकित सिंह | Jan 02, 2024
प्रवर्तन निदेशालय ने आबकारी नीति से जुड़े धन सोशन मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के लिए तीन जनवरी को बुलाया है। आप के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को ईडी की ओर से यह तीसरा नोटिस है। इससे पहले दो नवंबर और 21 दिसंबर को भी समन जारी किये थे, लेकिन केजरीवाल ने पेश होने से इनकार कर दिया था। केजरीवाल ने ईडी के समन को ‘अवैध’’ और ‘‘राजनीति से प्रेरित’’ बताया था। यही कारण है कि इस बार भी उनके पूछताछ के लिए जाने को लेकर संशय की स्थिति बरकरार है।
बड़ा सवाल यही है कि अरविंद केजरीवाल इस बार पूछताछ के लिए जाएंगे या नही? इसी को लेकर आम आदमी पार्टी की ओर से बड़ा बयान दिया गया है। आप की मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने मंगलवार को कहा कि केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से जारी समन पर पार्टी कानून के मुताबिक कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि इस सवाल का जवाब हमारी कानूनी टीम ही बेहतर दे सकेगी। हम कानून के अनुसार काम करेंगे। दूसरी ओर भाजपा का आप और केजरीवाल पर हमला जारी है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने अरविंद केजरीवाल पर उत्पाद शुल्क नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन में दो बार शामिल नहीं होने पर कटाक्ष किया और कहा कि वह इसे लंबे समय तक नहीं टाल सकते। उन्होंने कहा कि पहले उन्होंने चुनाव और फिर विपश्यना का बहाना बनाया और अब देखते हैं कि 3 जनवरी को वह क्या सफाई देते हैं। वह इससे ज्यादा दिनों तक बच नहीं सकते, उन्हें एजेंसी के सामने पेश होना ही होगा।
दिल्ली सरकार 2021-22 में एक उत्पाद शुल्क नीति लेकर आई थी, जिसका उद्देश्य व्यापारियों के लिए लाइसेंस शुल्क के साथ बिक्री-मात्रा-आधारित व्यवस्था को बदलकर शहर के प्रमुख शराब व्यवसाय को पुनर्जीवित करना था, और कुख्यात धातु ग्रिल्स से मुक्त, शानदार दुकानों का वादा किया था। अंततः ग्राहकों को खरीदारी का बेहतर अनुभव दे रहा है। हालाँकि, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए नीति की सीबीआई जांच की मांग के बाद नीति को रद्द कर दिया गया था।
ईडी के मुताबिक, आप को उत्पाद शुल्क नीति को अंतिम रूप देने के लिए 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मिली थी। इसमें आरोप लगाया गया कि इस पैसे का एक बड़ा हिस्सा पार्टी ने अपने गोवा चुनाव अभियान में इस्तेमाल किया था। केंद्रीय एजेंसी ने अपने आरोप पत्र में कहा कि कथित अनियमितताओं में कुछ 'साउथ ग्रुप' की संलिप्तता थी। अब तक, केंद्रीय एजेंसी ने मामले में AAP के शीर्ष नेताओं - पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को गिरफ्तार किया है।