मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आप सरकार को अमेरिका स्थित प्रतिबंधित खालिस्तानी समूह 'सिख फॉर जस्टिस' से फंडिंग मिलने को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आरोपों की एनआईए जांच की सिफारिश की है।आप ने आरोपों का जोरदार खंडन किया और इसे केजरीवाल के खिलाफ एक और साजिश करार दिया है। उपराज्यपाल सचिवालय के अनुसार, वीके सक्सेना को शिकायत मिली थी कि आप को 1993 के दिल्ली विस्फोटों के दोषी और आतंकवादी देवेंद्र पाल भुल्लर की रिहाई की सुविधा देने और खालिस्तानी समर्थक भावनाओं को बढ़ावा देने के लिए खालिस्तानी समर्थक समूहों से 16 मिलियन अमेरिकी डॉलर मिले थे।
उन्होंने कहा कि चूंकि शिकायत एक मुख्यमंत्री के खिलाफ की गई थी और एक प्रतिबंधित संगठन से प्राप्त राजनीतिक फंडिंग से संबंधित थी। शिकायतकर्ता द्वारा दिए गए इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य की फोरेंसिक जांच सहित जांच की आवश्यकता है। उपराज्यपाल ने गृह मंत्रालय को जनवरी 2014 में केजरीवाल द्वारा इकबाल सिंह को लिखे गए एक पत्र का भी हवाला दिया है, जिसमें उल्लेख किया गया है कि आप सरकार पहले ही राष्ट्रपति को भुल्लर की रिहाई की सिफारिश कर चुकी है और अन्य मुद्दों पर काम करेगी। जिसमें सहानुभूतिपूर्वक और समयबद्ध तरीके से एसआईटी का गठन शामिल है। भुल्लर की रिहाई के लिए लिखित आश्वासन की मांग को लेकर इकबाल सिंह जंतर-मंतर पर अनशन पर बैठे थे। केजरीवाल का पत्र मिलने के बाद उन्होंने अपना अनशन खत्म कर दिया।
शिकायत में सिख्स फॉर जस्टिस के प्रमुख और वांछित खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नून द्वारा जारी एक वीडियो का हवाला दिया गया है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि AAP को 2014 और 2022 के बीच खालिस्तानी समूहों से 16 मिलियन अमेरिकी डॉलर मिले। आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने 2014 में अपनी यात्रा के दौरान गुरुद्वारा रिचमंड हिल्स, न्यूयॉर्क में खालिस्तानी नेताओं के साथ बंद कमरे में बैठकें की थीं। केजरीवाल ने कथित तौर पर खालिस्तानी गुटों से AAP को पर्याप्त वित्तीय सहायता के बदले में भुल्लर की रिहाई की सुविधा देने का वादा किया था।