By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 26, 2017
दिल्ली उच्च न्यायालय ने अरविंद केजरीवाल के वकील द्वारा कथित तौर पर आपत्तिजनक शब्द इस्तेमाल किए जाने पर केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली द्वारा दायर 10 करोड़ रुपये के मानहानि मुकदमे पर जवाब दाखिल ना करने के लिए मुख्यमंत्री पर 10,000 रुपये का आज जुर्माना लगाया। संयुक्त पंजीयक पंकज गुप्ता ने केजरीवाल को अपना जवाब देने के लिए दो और सप्ताह का समय देते हुए जुर्माने की राशि जमा कराने का निर्देश दिया।
उच्च न्यायालय ने 23 मई को केजरीवाल से जवाब मांगा था कि क्यों ना उनके खिलाफ मानहानि की कार्रवाई की जाए। केजरीवाल के वकील रिषिकेश कुमार ने अदालत में कहा कि उन्हें जवाब दाखिल करने के लिए और समय चाहिए जिसका केंद्रीय मंत्री की ओर से पेश हुए वकील माणिक डोगरा ने विरोध किया। वित्त एवं रक्षा मंत्रालय का कार्यभार संभालने वाले जेटली ने आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख और पांच अन्य पार्टी पदाधिकारियों के खिलाफ एक अन्य मानहानि के मुकदमे की सुनवाई के दौरान खुली अदालत में केजरीवाल के वकील राम जेठमलानी द्वारा उन्हें कथित तौर पर ‘‘अभद्र’’ शब्द बोलने को लेकर मानहानि का दूसरा मुकदमा दायर किया था।
दिल्ली उच्च न्यायालय में संयुक्त पंजीयक के समक्ष 17 मई को केंद्रीय मंत्री के साथ जिरह के दौरान जेठमलानी ने कथित तौर पर एक शब्द का इस्तेमाल किया जिसे जेटली ने आपत्तिजनक बताया था। एक दिन बाद इससे संबंधित मामले की सुनवाई कर रहे उच्च न्यायालय के एक अन्य न्यायमूर्ति ने जेठमलानी की कथित टिप्पणी को ‘‘अपमानजनक’’ बताया था।