कारपोरेट मामलों के मंत्रालय के तहत कार्य करने वाला गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) ऋण चूककर्ताओं द्वारा कोष स्थानांतरण के मामलों की जांच कर रहा है और दोषी पाये जाने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के 90 प्रतिशत मामले या तो गलत कारोबारी निर्णय या वैश्विक आर्थिक मंदी की वजह से बने हैं, बचे 10 प्रतिशत मामलों की जांच किए जाने किए जाने की जरूरत है और सीबीआई एवं एसएफआईओ समेत कई जांच एजेंसियां इनकी जांच कर रही हैं।’’
अधिकारी ने कहा कि जिन मामलों में कोष स्थानांतरित किये जाने का संदेह है, उनकी एसएफआईओ जांच कर रहा है और जहां उसे जरूरत पड़ रही है वह बैंकों और वित्तीय सेवा विभाग से जानकारियां भी जुटा रहा है। किसी कंपनी का नाम लिए बगैर अधिकारी ने कहा कि एसएफआईओ की जांच के दायरे में इस्पात और बुनियादी ढांचा क्षेत्र की कुछ कंपनियां हैं। यदि जांच में कुछ गलत पाया जाता है जो संबंधित कंपनियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी जाएगी क्योंकि एसएफआईओ केवल एक जांच एजेंसी है और यह कारपोरेट मंत्रालय की मंजूरी के बाद ही किसी के खिलाफ मुकदमा चला सकती है।