अमेरिका और UK के इस फैसले से दुनिया में एक बार फिर कोल्ड वॉर की होगी शुरुआत? ड्रैगन के सरकारी मीडिया ने किसे बताया US का 'कुत्ता'

By अभिनय आकाश | Sep 16, 2021

ब्रिटेन, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने हिंद प्रशांत में चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच, रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस क्षेत्र के लिए एक नए त्रिपक्षीय सुरक्षा गठबंधन ‘ऑकस’ (एयूकेयूएस) की घोषणा की है, ताकि वे अपने साझा हितों की रक्षा कर सकें और परमाणु ऊर्जा से संचालित पनडुब्बियां हासिल करने में ऑस्ट्रेलिया की मदद करने समेत रक्षा क्षमताओं को बेहतर तरीके से साझा कर सकें। जानकारों का कहना है कि इस फैसले से दुनिया में एक बार फिर कोल्ड वॉर की शुरुआत होगी। लेकिन इस बार अमेरिका के सामने रूस नहीं चीन होगा और फ्रंट की लड़ाई पर जर्मनी की जगह ऑस्ट्रेलिया होगा।

परमाणु पनडुब्बी को माना जा रहा है गेम चेंजर 

गठबंधन के तहत तीनों राष्ट्र संयुक्त क्षमताओं के विकास करने, प्रौद्योगिकी को साझा करने, सुरक्षा के गहन एकीकरण को बढ़ावा देने और रक्षा संबंधित विज्ञान, प्रौद्योगिकी, औद्योगिक केंद्रों और आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करने पर सहमत हुए। ऑकस की पहले बड़ी पहल के तहत अमेरिका और ब्रिटेन की मदद से ऑस्ट्रेलिया परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियों का एक बेड़ा बनाएगा, जिसका मकसद हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता को बढ़ावा देना है।  गठबंधन के तहत ऑस्ट्रेलिया को परमाणु पंडुब्बियां दी जाएंगी। ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि अमेरिका को लगता है कि अब चीन को जवाब देने की जरूरत है। इस नई डील के तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लेकर साइबर सिक्योरिटी से जुड़ी टेक्नोलॉजी ऑस्ट्रेलिया को दी जाएगी।लेकिन इसमें सबसे बड़ा गेम चेंजर परमाणु पनडुब्बी को माना जा रहा है। दुनिया में छह देश अमेरिका, रूस, चीन, भारत, यूके और फ्रांस ऐसे देश हैं जिनके पास ये पनडुब्बियां हैं। ये पनडुब्बियां पानी में 60 दिन तक रह सकती हैं। जबकि डीजल की पनडुब्बियों को हर 11वें दिन ऊपर आना पड़ता है। 

इसे भी पढ़ें: ब्रिटेन ने चीनी राजदूत पर लगाया प्रतिबंध तो भड़का चीन, फैसले को बताया कायराना कदम

क्यों लिया गया ये फैसला

ये फैसला चीन के चलते लिया गया है। जिस तरह से चीन साउथ चाइना सी में पड़ोसी देशों को परेशान कर रहा है। उसके चलते सभी इंडो-पैसेफिक के देश परेशान हैं। उधर चीन सभी द्वीपों पर छोटे-छोटे मिलिट्री बेस बना रहा है। यही कारण है कि हर दूसरे दिन ताइवान के एयरस्पेस में चीन के युद्ध विमान घुस जाते हैं। तनाव का आलम ये रहा कि ताइवान को अपने विमानों की लैंडिग अपने हाइवे पर कराकर चीन को अपनी तैयारी दिखानी पड़ी। 

फ्रांस भी नाराज

इस डील से फ्रांस भी नाराज है। जिसकी वजह है फ्रांस की ऑस्ट्रेलिया के साथ पनडुब्बियों की 90 मिलियन की डील थी। जो ऑस्ट्रेलिया ने तोड़ दी। जिसके बाद फ्रांस के मंत्री ने सार्वजनिक मंच से कहा कि अमेरिका ने उनकी पीठ में छुड़ा भोका है।  

इसे भी पढ़ें: ब्रिटेन ने चीनी राजदूत पर लगाया प्रतिबंध तो भड़का चीन, फैसले को बताया कायराना कदम

चीन का सरकारी मीडिया आगबबूला

ऑस्ट्रेलिया के परमाणु पनडुब्बी को लेकर चीन आग बबूला हो गया है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने झूुंझलाहट में ऑस्ट्रेलिया को अमेरिका का पालतू कुत्ता तक कह दिया। ग्लोबल टाइम्स में कहा गया कि हम ऑस्ट्रेलिया को सलहा देंगे कि अगर वो परमाणु पनडुब्बी या किलर मिसाइलें हासिल भी कर लेता है तो उसके पास चीन को धमकाने के लिए ताकत नहीं है।  ऑस्‍ट्रेलिया निश्चित रूप से चीन को लक्ष्‍य करके ही गश्‍त लगाने के लिए परमाणु पनडुब्‍बी खरीद रहा है। चीनी अखबार ने कहा, 'अगर ऑस्‍ट्रेलिया इसकी वजह से चीन को उकसाने का साहस करता है या सैनिक रूप से कोई गलती करता है तो चीन निश्चित रूप से बिना दया के दंडित करेगा।

प्रमुख खबरें

PM Narendra Modi कुवैती नेतृत्व के साथ वार्ता की, कई क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा हुई

Shubhra Ranjan IAS Study पर CCPA ने लगाया 2 लाख का जुर्माना, भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने है आरोप

मुंबई कॉन्सर्ट में विक्की कौशल Karan Aujla की तारीफों के पुल बांध दिए, भावुक हुए औजला

गाजा में इजरायली हमलों में 20 लोगों की मौत