By रितिका कमठान | Oct 14, 2023
टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन हत्या मामले की सुनवाई कर रही अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। अदालत अपना फैसला 18 अक्टूबर को सुनाएगी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रवीन्द्र कुमार पांडे ने फैसला सुनाए जाने के समय सभी आरोपियों को अदालत में उपस्थित रहने का निर्देश दिया।
यानी सभी आरोपियों को 18 अक्टूबर के दिन फैसले के लिए पेश होना होगा। बता दें कि इससे पहले छह अक्टूबर को अदालत ने कहा था कि बचाव और अभियोजन पक्ष की दलीलें पूरी हो गई है। अदालत ने तब सुनवाई 13 अक्टूबर के लिए स्थगित कर दिया था जब अतिरिक्त दलीलों या स्पष्टीकरण होना था।
हत्या के सिलसिले में पांच लोगों रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक, अजय कुमार और अजय सेठी को गिरफ्तार किया गया था और वे मार्च 2009 से हिरासत में हैं। पुलिस ने आरोपियों पर कठोर महाराष्ट्र संगठित अपराध रोकथाम अधिनियम (मकोका) लगाया था। मलिक एवं दो अन्य आरोपी रवि कपूर और अमित शुक्ला को 2009 में आईटी पेशेवर जिगिशा घोष हत्या मामले में दोषी करार दिया जा चुका है।
पुलिस ने कहा था कि जिगिशा घोष की हत्या में इस्तेमाल हथियार की बरामदगी के बाद विश्वनाथन की हत्या के मामले का खुलासा हुआ। निचली अदालत ने 2017 में जिगिशा घोष हत्या मामले में कपूर और शुक्ला को मौत की सजा और मलिक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। हालांकि, अगले वर्ष, उच्च न्यायालय ने जिगिशा हत्या मामले में कपूर और शुक्ला की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था और मलिक की आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा था।
जानें कौन थी सौम्या विश्वनाथन
बता दें कि सौम्या विश्वनाथन 30 सितंबर, 2008 को देर रात अपनी कार से घर लौट रही थी, उसी दौरान उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने दावा किया था कि उनकी हत्या का मकसद लूटपाट था। सौम्या दक्षिणी दिल्ली के नेल्सन मंडेला मार्ग पर अपनी कार में मृत पाई गई थी, जो कि इंडिया टुके की पत्रकार थी। पुलिस ने उनकी हत्या की कई महीनों तक जांच की थी, मगर हत्यारों का पता नहीं चला था।
पुलिस ने जब वर्ष 2009 में मृत मिली बीपीओ कर्मचारी जिगिशा घोष की हत्या की जांच की तभी उन्हें सौम्या के हत्यारों की जानकारी भी मिली। जांच में पुलिस की टीम को पता चला कि सौम्या और जिगिशा दोनों की हत्या के पीछे एक ही गैंग शामिल था। आरोपियों ने कबूल कर बताया कि उन्होंने चार महीनों के अंतराल में कुल तीन मर्डर को अंजाम दिया था। हालांकि आरोपियों द्वारा कबूल होने के बाद भी अब तक इस मामले पर आरोपियों को सजा नहीं सुनाई गई है। सौम्या के लिए न्याय 15 वर्षों से अधिक समय बीतने के बाद भी अब तक नहीं मिला है। इसका कारण रहा कि अभियोजन पक्ष को कोर्ट में सबूत जमा करने में 14 वर्षों का लंबा समय लगा है।
ये है पूरी टाइमलाइन
28 सितंबर 2008- सौम्या विश्वनाथन की नेल्सन मंडेला मार्ग पर उनकी कार में लाश मिली। गोली मारकर उनकी हत्या हुई थी।
मार्च 2009- बीपीओ कर्मचारी जिगिशा घोष हत्याकांड की जांच के दौरान सौम्या के आरोपियों ने जुर्म कबूला।
अप्रैल 2009 - दिल्ली पुलिस ने रवि कपूर और उसके गैंग के खिलाफ सौम्या हत्याकांड में मकोका लगाया।
5 दिसंबर 2009 - आरोप पत्र पर संज्ञान लिया गया। अबतक कुल 320 सुनवाईयां हुई।
6 फरवरी 2010 - रवि कपूर, बलजीत सिंह, अमित शुक्ला, अजय कुमार, अजय सेठी के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने मकोका लगाया। हत्या, डकैती व अन्य के खिलाफ आरोप तय हुए।
1 सितंबर 2023 - अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रवींद्र कुमार पांडे के समक्ष शुरू हुई अंतिम बहस