By रेनू तिवारी | Jul 27, 2022
अहमदाबाद। गुजरात के बोटाद जिले में जहरीली शराब पीने से और लोगों की मौत के बाद गुजरात में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 37 हो गई। लगभग 70 अन्य लोग अस्पताल में भर्ती रहे, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। पुलिस जांच में सामने आया है कि रोजिड गांव और आसपास के इलाकों में शराब तस्करों ने अत्यधिक जहरीली मिथाइल अल्कोहल से बनी शराब स्थानीय लोगों को बेची। देशी शराब छोटी प्लास्टिक की थैलियों में बेची जाती थी और एक पाउच की कीमत 40 रुपये होती थी। स्थानीय रूप से 'पोटली' के रूप में जाना जाता है, केवल 40 रुपये की कीमत के इन पाउच ने बोटाद में 37 लोगों की जान ले ली है, जबकि कई अन्य अपने जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
पोटली वाली जहरीली शराब ने निगल ली 37 जिंदगियां
पुलिस ने बताया कि प्राथमिक जांच में सामने आया है कि बोटाद के अलग-अलग गांवों के कुछ छोटे शराब तस्करों ने ‘मिथाइल अल्कोहल’ (मेथेनॉल) में पानी मिलाकर नकली शराब बनाई थी, जो बेहद जहरीली होती है। वे 20 रुपये ‘पाउच’ के दाम पर उसे गांववालों को बेचते थे। मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। गांधीनगर में राज्य निगरानी प्रकोष्ठ से संबद्ध पुलिस अधिकारी ने कहा, जहरीली शराब पीने के बाद अब तक कुल 37 लोगों की मौत हो चुकी है। बोटाद में 24 और पड़ोसी अहमदाबाद में नौ लोगों की मौत हुई है। इससे पहले दोपहर के समय गुजरात के पुलिस महानिदेशक आशीष भाटिया ने गांधीनगर में पत्रकारों को बताया कि 14 लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 328 और 120-बी के तहत तीन प्राथमिकी दर्ज की गई हैं और उनमें से अधिकतर लोगों को हिरासत में ले लिया गया है।
जहरीली शराब पीने से हुई मौत को लेकर 14 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
मामला सोमवार सुबह तब सामने आया, जब बोटाद के रोजिड गांव और आसपास के अन्य गांवों में रहने वाले कुछ लोगों को उनकी हालत बिगड़ने पर बरवाला क्षेत्र और बोटाद कस्बों के सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। भाटिया ने बताया था कि जहरीली शराब पीने से अभी तक 28 लोगों की मौत हो चुकी है। उनमें से 22 बोटाद जिले के विभिन्न गांवों के निवासी थे, जबकि छह लोग पड़ोसी अहमदाबाद जिले के तीन गांवों के रहने वाले थे। इनके अलावा 45 से अधिक लोगों का भावनगर, बोटाद और अहमदाबाद के अस्पतालों में इलाज चल रहा है। भाटिया ने कहा, ‘‘ फोरेंसिक विश्लेषण में पता चला है कि पीड़ितों ने ‘मिथाइल अल्कोहल’ पी थी। हमने हत्या और अन्य अपराधों के आरोप में 14 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और अधिकतर आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है।’’
एटीएस कर रही हैं पूरे मामले की जांच
गुजरात आतंकवाद रोधी दस्ता (एटीएस) और अहमदाबाद अपराध शाखा भी जांच में शामिल है। इस बीच, राज्य सरकार ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि गुजरात के गृह विभाग ने मामले की विस्तृत जांच के लिए भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी सुभाष त्रिवेदी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एक समिति का गठन किया है। समिति तीन दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। समिति के अन्य दो सदस्य मद्य निषेध एवं उत्पाद शुल्क निदेशक एम. ए. गांधी और गुजरात फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला निदेशक एच. पी. सांघवी हैं। भाटिया ने बताया कि अब तक पुलिस की जांच में सामने आया है कि जयेश उर्फ राजू ने अहमदाबाद में एक गोदाम से 600 लीटर ‘मिथाइल अल्कोहल’ चोरी किया था। राजू उस गोदाम में बतौर प्रबंधक काम करता था। उसने बोटाद में रहने वाले अपने एक रिश्ते के भाई संजय को 25 जुलाई को इसे 40 हजार रुपये में बेच दिया था।
अधिकारी ने कहा, ‘‘यह जानते हुए भी कि यह एक औद्योगिक विलायक (सॉल्वेंट) है, संजय ने बोटाद के विभिन्न गांवों के मादक पदार्थ तस्करों को इसे बेचा। इन मादक पदार्थ तस्करों ने इस रसायन को पानी में मिलाकर देशी शराब के तौर लोगों को बेचा। इससे 28 लोगों की मौत हुई।’’ वहीं, गुजरात के दौरे पर गए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को आरोप लगाया था कि राज्य में शराबबंदी लागू है फिर भी अवैध शराब बेची जा रही है। राज्य में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अवैध शराब बेचने वाले लोग राजनीतिक संरक्षण का आनंद ले रहे हैं और उन्होंने शराब की बिक्री से अर्जित धन की जांच की मांग भी की। केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि वह भावनगर के एक अस्पताल का दौरा करेंगे, जहां जहरीली शराब पीने के बाद बीमार हुए कुछ लोगों को भर्ती कराया गया था।