जनरल मोटर्स के डीलर कंपनी को अदालत में घसीटने की तैयारी कर रहे हैं। कंपनी के भारत स्थित ज्यादातर डीलर कंपनी के खिलाफ सामूहिक रूप से मुकदमा करने की संभावनायें तलाश रहे हैं। कंपनी ने इस साल अंत से भारत में अपने वाहनों की बिक्री बंद करने का फैसला लिया है। डीलरों का कहना है कि इसके बदले में डीलरों को बहुत कम मुआवजे की पेशकश की गई है।
भारत में जनरल मोटर्स के 96 डीलर कंपनी की मुआवजे की पेशकश से नाराज हैं। ये डीलर देशभर में 140 शोरूम चलाते हैं। उनका कहना है कि उन्हें शोरूम में किये गये निवेश के एवज में केवल 12 प्रतिशत मुआवजा की पेशकश की गई है। उनका कहना है कि शोरूम बंद होने से करीब 9,500 लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। कंपनी से जुड़े डीलरों का यह भी कहना है कि मौजूदा ग्राहकों के समक्ष बाद में कारों के रखरखाव की समस्या खड़ी होगी। ज्यादातर डीलर मानते हैं कि जनरल मोटर्स के भारतीय बाजार से हटने के बाद वह केवल पुराने वाहनों की मरम्मत अथवा रखरखाव का काम नहीं करेंगे।
आटोमोबाइल डीलर्स एसोसियेसन फेडरेशन के अध्यक्ष जॉन पॉल कुट्टूकरन ने कहा कि करीब 50 डीलरों ने एसोसियेसन से संपर्क किया है और कंपनी को अदालत में घसीटने की अपनी योजना से अवगत कराया। उन्होंने कहा, ‘‘हम भी अमेरिका में कंपनी के खिलाफ मामला दायर करने की संभावनायें तलाश रहे हैं। जनरल मोटर्स काफी बड़ी कंपनी है इसलिये हमें पहले यह देखना होगा कि इस तरह का कदम उठाना व्यवहारिक होगा अथवा नहीं, यदि यह संभव होगा तो हम कदम उठायेंगे।’’ एसोसियेसन इस बारे में वकीलों के साथ बातचीत कर रही है। संपर्क करने पर हालांकि, जनरल मोटर्स इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी डीलरों के साथ अलग अलग बातचीत कर रही है और उनकी चिंताओं को दूर करने के लिये योजना पर काम कर रही है।