कोलकाता। दार्जीलिंग के बागान मालिकों ने उस क्षेत्र में जनता के आंदोलन और विरोध प्रदर्शन आदि के चलते दूसरी चुगाई की चाय के पूरी तरह नष्ट हो जाने पर मुश्किल भरी स्थितियों से गुजर रहे चाय बोर्ड से वित्तीय मदद मांगी है। चाय बोर्ड के उपाध्यक्ष संतोष सारंगी ने कहा, ‘‘दार्जीलिंग के चाय बागान मालिकों ने दूसरी चुगाई की फसल नष्ट हो जाने के कारण कुछ विशेष सहायता के लिए हमसे संपर्क किया है।’’
उन्होंने कहा कि स्पष्ट तौर पर कुछ दिया नहीं दिया गया लेकिन बागान मालिकों से यह सुझाव देने को कहा गया है कि इस संकट का प्रभाव कम से कम करने के लिए किस प्रकार के पैकेज की उन्हें जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘वे आए और उन्होंने दार्जीलिंग की स्थिति के बारे में हमें बताया।’’ इस पहाड़ी क्षेत्र में करीब महीने से चल रहे बंद और प्रदर्शन के चलते चाय के बागान में दूसरी चुगाई नहीं हो पायी है। उसके फलस्वरूप 87 बागानों में 150-200 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। सारंगी ने कहा कि टी बोर्ड और उसकी योजनाओं के लिए इस वित्त वर्ष में 135 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘यदि अचानक अतिरिक्त आवंटन की मांग की जाती है तो हमें वाणिज्य मंत्रालय के पास जाना होगा।’’ दार्जीलिंग टी एसोसिएशन के चेयरमैन बिनोदमोहन ने कहा, ‘‘हम योजना तैयार कर रहे हैं जिसे इस हफ्ते के अंत तक अंतिम रूप दिया जाएगा। हम उसे चाय बोर्ड को सौंपेंगे।’’