By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 23, 2020
उन्होंने कहा कि बिजली की कटौती के कारण पानी की लोगों के घरों तक आपूर्ति नहीं हो रही है, जिससे इस गर्मी में विकट स्थिति पैदा हो गई है। हालांकि, कुछ प्रदर्शनकारियों ने मौसम कार्यालय द्वारा चक्रवात की गंभीरता के बारे में बार-बार चेतावनी जारी किये जाने के बावजूद कोलकाता नगर निगम (केएमसी) की ओर से की गई तैयारियों में कमी को जिम्मेदार ठहराया, जबकि कई ने बिजली आपूर्तिकर्ताओं की प्रतिक्रिया पर उंगली उठाई।
जादवपुर के एक व्यक्ति ने कहा, ‘‘सीईएससी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है कि बिजली आपूर्ति कब बहाल होगी। हमारे क्षेत्र में ट्रांसफार्मर पर गिरे एक पेड़ को अभी तक नहीं हटाया गया। केएमसी कर्मचारियों ने कहा कि उनके पास उपकरण नहीं हैं, जबकि सीईएससी ने कहा कि वे पेड़ को हटाए जाने के बाद ही काम शुरू कर सकते हैं। हम अमानवीय परिस्थितियों में रह रहे हैं।’’ कई अन्य लोगों ने कहा कि बिजली और इंटरनेट की समस्या के कारण वे घर से काम जारी नहीं रख सकते। बहरहाल, दोनों बिजली आपूर्तिकर्ताओं के अधिकारियों ने कहा कि पूरे शहर में हजारों पेड़ उखड़ गए हैं, जिसके कारण बिजली आपूर्ति बहाल करने में समय लग रहा है।