आया मौसम पलटने का? 3 सप्ताह में चौथी केंद्रीय बैठक से नीतीश से काटा किनारा, 27 जुलाई, 2017 की तरह अचानक हो सकता है कुछ बड़ा

By अभिनय आकाश | Aug 07, 2022

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आयोजित नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हुए। सीएम के करीबी सूत्रों ने कहा कि नीतीश हाल ही में कोविड से उबरे हैं और वे एहतियात के तौर पर यात्रा से बचना चाहते हैं। 17 जुलाई के बाद से ये चौथी केंद्रीय बैठक है जिससे बिहार के मुख्यमंत्री ने दूरी बनाई है। इस बैठक से ठीक पहले एनडीए सरकार में जेडीयू के कोटे से मंत्री बनाए गए आरसीपी सिंह ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया। वहीं जबकि नीतीश तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव के साथ नीति आयोग की बैठक से दूरी बनाए रखी। उन्हें रविवार को पटना में डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद और उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन के साथ 'राष्ट्रीय हथकरघा दिवस' समारोह में शामिल होना था। नीतीश का सोमवार को जनता दरबार भी है। 

इसे भी पढ़ें: महंगाई-बेरोजगारी पर महागठबंधन का 'प्रतिरोध मार्च', तेजस्वी बोले- संवैधानिक संस्थाओं को खिलौना बनाया जा रहा

इससे पहले वो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राष्ट्रीय ध्वज से संबंधित मामलों पर 17 जुलाई को बुलाई गई सीएम की बैठक से दूर रहे। 22 जुलाई को नीतीश ने निवर्तमान राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के लिए पीएम मोदी द्वारा आयोजित विदाई रात्रिभोज में शामिल नहीं होने का फैसला किया। 25 जुलाई को उन्होंने राष्ट्रपति के रूप में एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण में भी भाग नहीं लिया। भले ही शाह ने "जद (यू) के साथ गठबंधन में 2024 लोकसभा और 2025 विधानसभा चुनाव लड़ने" के बारे में बात की, लेकिन बिहार के सीएम का मानना है कि कई दूसरे नेताओं ने "अनुच्छेद 370 और राष्ट्रवाद को निरस्त करने के बारे में बहुत अधिक" बात करना जारी रखा। जिन मुद्दों पर नीतीश सहज नहीं हैं।

इसे भी पढ़ें: बिहार में भूजल में मिली यूरेनियम की उच्च सांद्रता

कथित तौर पर नीतीश बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के 12 जुलाई को विधानसभा के शताब्दी समारोह के समापन समारोह के "अयोग्य संचालन" पर एक संदेश भेजना चाहते हैं, जिसमें मोदी ने भाग लिया था। इस कार्यक्रम के निमंत्रण पत्र से नीतीश का नाम गायब था जिसे स्पीकर द्वारा जारी किया गया था। भाजपा के एक नेता ने स्वीकार किया कि नीति आयोग की बैठक में नीतीश के शामिल नहीं होने से अच्छा संकेत नहीं मिला। पीएम और कुछ अन्य सदस्यों के अलावा केवल सीएम ही नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल के सदस्य होते हैं। 

इसे भी पढ़ें: बिहार : ईओयू ने निलंबित डीएसपी रंजीत कुमार रजक से जुड़े परिसरों में छापेमारी की

इसके साथ ही बिहार की सियासी फिजाओं में कई तरह की बातें चल रही हैं। इस बात की भी आशंका जताई जा रही है कि नीतीश कुमार जल्द ही कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। अब ये बड़ा फैसला 27 जुलाई 2017 जितना बड़ा और चौंकाने वाला होगा। इसका अंदाजा लगाना अभी मुश्किल है। लेकिन माना जा रहा है कि ऑपरेशन आरसीपी इसी कड़ी का एक हिस्सा है। नीतीश कुमार को ये लगता था कि आरसीपी बीजेपी का जासूस हैं और उनके ज्यादा ही नजदीक चले गए हैं। वहीं जेडीयू के दिग्गज नेता और नीतीश सरकार में मंत्री विजय कुमार ने साफ कहा कि जेडीयू केंद्र की मोदी सरकार में शामिल नहीं होगी। जब उनसे 2024 में बीजेपी के साथ गठबंधन को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि राजनीतिक विचारधारा हमेशा गतिमान रहती है। इस पर फैसला 2024 में पार्टी नेतृत्व करेगा। एक तरफ अमित शाह की तरफ से 2024 और 2025 के चुनाव में जदयू के साथ की बात करते दिख रहे हैं। वहीं दूसरी ओर नीतीश की पार्टी के तरफ से इसको लेकर खुलकर कुछ भी नहीं कहा जा रहा। वैसे बीजेपी और नीतीश के बीच की तल्खी और अलग होने के कयास कई बार लगाए जा चुके हैं। इस बार भी अटकलबाजी का दौर चल रहा है। कहा जा रहा है कि बीजेपी खुद से बिहार में जेडीयू गठबंधन के साथ नाता तो नहीं तोड़ेगी। बल्कि वो नीतीश के कदम को वेट एंड वॉच कर रही है। ताकी नीतीश बीजेपी पर गठबंधन तोड़ने का ठीकड़ा न पोड़ दें। वहीं तेजस्वी और नीतीश के बीच की जुबानी जंग भी पिछले कुछ महीने से थम सी गई है। कभी पलटू चाचा से कम कुछ भी न कहने वाले तेजस्वी भी अब सीनियर नेताओं के सम्मान की बात कहते नजर आते हैं। इफ्तार वाली बैठक तो बिहार में काफी चर्चित भी रही थी। कुल मिलाकर राजनीति और क्रिकेट को संभावनाओं का खेल माना जाता है, जिसके सामने सारे प्रडिक्शन फेल हैं। 


प्रमुख खबरें

Ekvira Devi Temple: पांडवों ने एक रात में किया था एकविरा देवी मंदिर का निर्माण, जानिए पौराणिक कथा

एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे और अजित पवार ने शरद पवार की पीठ में छुरा घोंपा : Revanth Reddy

भाजपा ने राजनीतिक परिवार से आने वाले Satyajit Deshmukh को शिराला विधानसभा सीट से घोषित किया अपना उम्मीदवार

Jhansi Medical College fire: पहले शॉर्ट सर्किट को किया नजरअंदाज? जांच के लिए 4 सदस्यीय कमेटी का गठन