By अभिनय आकाश | Jun 15, 2020
गुजरात के अहमदाबाद में एक चिकित्सक को मई महीने के आखिरी में कोविड-19 के लक्षण नजर आए तो उन्होंने आरटी-पीसीआर परीक्षण कराया। परिणाम निगेटिव आने से चिकित्सक ने राहत की सांस ली। लेकिन, अपने साथी डॉक्टरों के सुझाव पर उन्होंने एक उच्च-रिज़ॉल्यूशन वाली कॉम्युटेड थोमोग्रैफी (HCRT) से अपनी स्क्रीनिंग कराई। उनके फेफड़े में "अपारदर्शी ग्राउंड ग्लास" के पैच दिखाए, जो आमतौर पर कोविड-19 के के लक्षणों से जुड़े थे। चिकित्सक ने जब दोबोरा अपना कोविड-19 टेस्ट कराया तो वह पॉजिटिव आया।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार ये चिकित्सक 125 लोगों में से हैं जिनकी डॉ. अमित गुप्ता ने फ्री स्क्रीनिंग की है। डॉ. अमित गुप्ता ने बताया कि उन्होंने बीते दस दिनों में 125 लोगों की स्क्रीनिंग में 73 कोरोना वायरस पॉजिटिव मिले।
डॉ. गुप्ता ने कहा कि बड़ी संख्या में लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो रहे हैं जिसके बाद मैंने स्क्रीनिंग शुरू कर दी। डॉ. गुप्ता ने कहा, यह उनके द्वारा कोविड-19 योद्धाओं के प्रति कृतज्ञता का एक छोटा योगदान है।
डॉ. गुप्ता ही नहीं कई रेडियोलाजिस्ट और अन्य विशेषज्ञ ने बताया कि स्कोर के आधार पर मरीजों का इलाज भी किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि इस टेस्ट में गलती के लगभग शून्य चांस होते हैं जबकि आरटीपीसीआर टेस्ट में बहुत खामियां हैं। डॉक्टर ने बताया कि सीटी स्कैन की विश्वसनीयता आरटीपीसीआर टेस्ट से कहीं ज्यादा है। सीटी स्कैन वायरस की गंभीरता की सही स्थिति सामने ले आता है।