By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 24, 2020
शाह को भेजे पत्र में आरडीए ने कहा है कि कोरोना के संक्रमण के खतरे से भयभीत मकान मालिक चिकित्सा कर्मियों को मकान खाली करने की धमकी दे रहे हैं। कुछ डाक्टर अपने सामान के साथ सड़क पर आने को मजबूर भी हो गये हैं। आरडीए ने गृह मंत्री से इस मामले में दखल देने का अनुरोध किया है। डा. हर्षवर्धन ने ट्वीट कर कहा, ‘‘मैं दिल्ली, नोएडा, वारंगल और चेन्नई सहित अन्य स्थानों पर कोरोना के संकट से निपटने में अपनी सेवायें दे रहे चिकित्सा कर्मियों को किराये के मकान से निकाले जाने की जानकारी से बेहद व्यथित हूं। कोरोना के संक्रमण के डर से मकान मालिक चिकित्सा कर्मियों को मकान खाली करने की धमकी दे रहे हैं।’’ उन्होंने मकान मालिकों से दहशत में नहीं आने की अपील करते हुये कहा, ‘‘कोरोना वायरस के संक्रमण के इलाज में लगे चिकित्साकर्मी सभी जरूरी एहतियात बरत रहे हैं। वे किसी भी तरह से संक्रमण के वाहक नहीं हैं।’’
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स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मकान खाली करने की धमकी देने जैसी गतिविधियां चिकित्सा कर्मियों को हतोत्साहित करेंगी और इससे कोरोना से निपटने की समूची कवायद पटरी से उतर सकती है। डा हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘चिकित्सा कर्मियों की निस्वार्थ सेवा की पूरे देश ने रविवार को ही सराहना की, ऐसे में हमारा दायित्व है कि हम उनके उत्साह को बरकरार रखें।’’ एम्स आरडीए के अध्यक्ष डा. आदर्श प्रताप सिंह ने गृह मंत्री को लिखे पत्र में उनसे इस मामले में तत्काल कारगर कदम उठाने की अपील करते हुये मकान मालिकों को चिकित्सा कर्मियों से किराये के घर खाली नहीं कराने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया है।