By डॉ. रमेश ठाकुर | Apr 12, 2021
प्रश्न- वाम पार्टियों का गढ़ कहे जाने वाले वाले राज्य पश्चिम बंगाल में चुनाव हो रहा है लेकिन आपकी सक्रियता नदारद है?
उत्तर- देखिए, प्रत्येक छोटी-बड़ी सियासी पार्टी में उतार-चढ़ाव आता है। कांग्रेस के साथ भी हुआ और भाजपा के साथ भी। रही बात चुनाव में सक्रियता की तो हम मजबूती के साथ चुनाव लड़ रहे हैं। हां, ये जरूर है कि हम बिना वजह का हंगामा खड़ा नहीं कर रहे। नौटंकी करना हमारी प्रवृति में कभी रहा ही नहीं। साफ-सुथरी राजनीति में हम विश्वास करते हैं। हार-जीत तो लगी रहती है। मुझे लगता है राजनीति का मकसद समाज सेवा होना चाहिए, लेकिन अब उसका तरीका बदल गया है। नेता अब अपने निज स्वार्थ सेवा के लिए राजनीति करने का नाटक करते हैं।
प्रश्न- साढ़े तीन दशक सत्ता में आपकी हुकूमत रहीं, बेदखल होने की क्या वजहें रहीं?
उत्तर- जितना काम हमारे कार्यकाल में हुआ, उतना टीएमसी दस वर्षों में नहीं कर पाई। आगे भी उम्मीद नहीं दिखाई पड़ती। बंगाल की जनता को इस वक्त भाजपा भी मुंगेरी लाल के सपने दिखा रही है। पूरा देश उनके वायदों की हकीकत पहले ही जान चुका है। अब मूर्ख बनाने के लिए उनकी टोली बंगाल में पहुंची है। वहां भी जल्दी एक्सपोज होंगे। भाजपाई वहां सिर्फ दो मई तक दिखाई देंगे, उसके बाद उनकी टोली वहां से बैरंग लौटती दिखेगी। किसानों से भी उन्होंने झोली भर भर के वादे किए थे, क्या हुआ उनका? आज देश का अन्नदाता सड़कों पर पड़ा है। बीते चार माह से किसान दिल्ली में आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी समस्याओं को सुनने की बजाय उनका उपहास उड़ा रही है। उन्हें आतंकवादी, पाकिस्तानी, खालिस्तानी पता नहीं क्या-क्या बोल रही है।
प्रश्न- बंगाल में भाजपा का आप क्या भविष्य देखते हैं?
उत्तर- ‘निल बटे सन्नाटे’ से ज्यादा और कुछ नहीं? बंगाल की जनता सब कुछ देख रही है और समझ रही है। मतदाताओं में भय का माहौल बनाया जा रहा है। भाजपा का संदेश साफ है अगर जनता उनके पक्ष में वोट नहीं करेगी, तो उनके साथ कैसा व्यवहार किया जाएगा। पिछले चुनाव में हमारे वोट प्रतिशत को उठाके देख लो, ज्यादा अंतर नहीं दिखाई देगा। अगर बंगाल की जनता भाजपा के झांसे में आ भी जाती है तो उन्हें बहुत जल्द समझ में जा जाएगा कि उन्होंने कितनी बड़ी गलती की है।
प्रश्न- 2024 की बात करें तो भाजपा से लड़ने की आपकी क्या रहेगी रणनीति?
उत्तर- अगले आम चुनाव तक भाजपा खुद अपने कर्मों से निपट जाएगी। भाजपा ने पूरे हिंदुस्तान में अजीब माहौल बना दिया है। पूरा देश जुमले सुनने में मस्त है। लेकिन अब नींद टूट चुकी है। 2024 में भाजपा का सफाया होना निश्चित है। देश गुमराह और हाईजैक हो चुका है। उसे रास्ते पर लाने की हमारी रणनीति अंतिम दिशा में है। देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चौपट है, रोजगार खत्म हो गए है, कामधंधे बंद हैं। भाजपा से लड़ने की रणनीति पर हम विमर्श कर रहे हैं। इसको लेकर सीपीआइ (एम) का एक बड़ा सम्मेलन बीते दिनों कोलकाता में आयोजित हुआ था जिसमें सभी बड़े नेताओं ने भाग लिया। सम्मेलन में आगे की रणनीति को लेकर विचार-विर्मश हुआ।
प्रश्न- वाम पार्टियों के सियासी वजूद पर मंडराते संकट को कैसे दूर करेंगे?
उत्तर- देखिए, बदलाव प्रकृति का नियम है। मौजूदा स्थिति को हम बदलाव के रूप में देख रहे हैं। राजनीति में बदलाव की संभावनाएं हमेशा रहती हैं। कोलकाता के सम्मेलन में पोलित ब्यूरो के कुछ सदस्यों ने वाम राजनीति लाइन में बदलाव करने का प्रस्ताव रखा था जो विचारणीय है। ऐसे में हम अपनी राजनीतिक लाइन पर पुनर्विचार कर रहे हैं। लेकिन हम झूठ बोलकर लोगों को गुमराह नहीं करेंगे। गंदी राजनीति से हमने हमेशा से परहेज किया है। तथ्यात्मक चीजों को लेकर ही हम आगे बढ़ेंगे। झूठ-फरेब का जिम्मा जिस पार्टी के पास है उसकी पोल पट्टी खुल चुकी है।
प्रश्न- बंगाल में अगली सरकार के लिए माकपा की क्या होगी भूमिका?
उत्तर- ये तय है, भाजपा सरकार नहीं बना पाएगी। वैसे, स्थिति तो सभी सियासी दलों के लिए चुनौतीपूर्ण है। निश्चित रूप से वाम पार्टियों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। बंगाल में दूसरी पार्टियों के मुकाबले माकपा आज भी लोकप्रिय पार्टी है। लोग हमें पसंद करते हैं। हम मुस्तैदी के साथ चुनाव लड़ रहे हैं। देखना दो मई को जब परिणाम सामने आएंगे, तो चौंकाने वाले होंगे। राज्य के किसान परेशान हैं, उद्योग-धंधे बंदी के कगार पर पहुंच गए हैं। बेरोजगार लोग सड़कों पर धक्के खा रहे हैं। इन सभी से निजात हम भी दिलवाएंगे।
-जैसा डॉ. रमेश ठाकुर से वाम नेता प्रकाश करात ने कहा।