By अभिनय आकाश | Jun 10, 2020
भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है और इसके सामने बड़े-बड़े महानगरों की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं कमजोर साबित हो रही हैं। कोरोना वायरस किसी व्यक्ति की जान ले या ना ले, प्राइवेट अस्पतालों में इसके इलाज का खर्च कई परिवारों की जान जरूर ले लेगा। देश में बुधवार सुबह आठ बजे तक 24 घंटे के भीतर कोरोना वायरस के 9,985 नए मामले सामने आए और 279 लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही देश में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,76,583 हो गई है और 7,745 लोग इस बीमारी से जान गंवा चुके हैं।
एक कोरोना संक्रमित मरीज के इलाज का औसत खर्च कितना हो सकता है, ये एक ऐसा सवाल है जिसके जवाब की हर किसी को तलशा है। दरअसल, कोरोना के इलाज का बिल 1 लाख से 8.5 लाख रुपये तक आ रहा है। अंग्रेजी अखबार टाइम्स आफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबित कोरोना के महंगे इलाज के खर्च की वजह से निजी अस्पतालों और बीमा कंपनियों में तकरार भी हो रहा है।
जिसके पीछे बीमा कंपनियों का तर्क है कि बीमाकर्ताओं का सबसे पहला तर्क है कि वे यह तय नहीं कर सकते कि मरीज को भर्ती होने की जरूरत है या नहीं, जिसकी वजह से अनुचित चार्ज जैसी कई तरह की धोखाधड़ी" की संभावनाओं को बल मिलता है। बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण के अनुसार 10,000 से अधिक ऐसे हेल्थ केयर दावे किए गए हैं। फिलहाल भारत में कोरोना मरीज का औसत बिल 1.56 लाख तक पहुंच रहा है।
हॉस्पिटल और बीमा कंपनियां आमने-सामने
बीमा कंपनियों का कहना है कि सीएएल 2 लाख रुपये से लेकर 8 लाख रुपये तक का है, लेकिन बीमा अनुबंधों में केवल उसी का भुगतान करें, जिसका बीमाधारक द्वारा वहन किया गया हो। अगर आप हॉस्पिटल का बिल देखेंगे तो पाएंगे कि वे उपकरणों को सैनिटाइज करने के भी पैसे जोड़ रहे हैं। यानी इससे पहले तक वे उन्हें सैनिटाइज नहीं करते थे। कोविड के दौर में हॉस्पिटल हर एक चीज का पैसा ले रहे हैं। दिल्ली के सुरेंद्र गौर बताते हैं कि उनके भाई के इलाज का खर्च 4.08 लाख तक आया है। इसमें 70,900 रुपये को सिर्फ पीपीई किट के जोड़े हुए थे। उनका आरोप था कि स्पेशलिस्ट डॉक्टर ने 22 विजिट के पैसे जोड़े लेकिन वह आया सिर्फ 7 ही बार था। इसी तरह चेन्नै के एक शख्स ने बताया कि उनके पिता का कोरोना इलाज का बिल 4.8 लाख रुपये था। इसमें 75 हजार तो सिर्फ वैंटिलेटर का खर्च था।
राज्यों में कोरोना के इलाज का खर्च