कोविड-19 जैविक हथियार के तौर पर ‘विकसित नहीं’ किया गया : अमेरिकी खुफिया समुदाय

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 28, 2021

वाशिंगटन। अमेरिका के खुफिया समुदाय ने एक रिपोर्ट में निष्कर्ष दिया कि कोविड-19 के लिए जिम्मेदार वायरस सार्स-सीओवी2 जैविक हथियार के तौर पर ‘‘विकसित नहीं’’ किया गया। साथ ही राष्ट्रपति जो बाइडन ने यह आरोप दोहराया कि चीन इस वायरस की उत्पत्ति के बारे में सूचना को दबा रहा है तथा पारदर्शिता की अपीलों को ठुकरा रहा है। राष्ट्रीय खुफिया निदेशक ने राष्ट्रपति के निर्देश पर तैयार की गयी रिपोर्ट में शुक्रवार को कहा कि सार्स सीओवी-2 नवंबर 2019 के आसपास संभवत: शुरुआती स्तर पर छोटे पैमाने पर फैला और पहली बार संक्रमण के मामले दिसंबर 2019 में वुहान में सामने आए। बहरहाल कोरोना वायरस की उत्पत्ति पर खुफिया समुदाय के बीच कोई आम सहमति नहीं बनी।

इसे भी पढ़ें: एक दिन में एक करोड़ से अधिक कोविड-19 टीकों की खुराक दिया जाना महत्वपूर्ण उपलब्धि: पीएम मोदी

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘इस वायरस को जैविक हथियार के तौर पर विकसित नहीं किया गया। ज्यादातर एजेंसियों का यह भी आकलन है कि सार्स-सीओवी-2 की संभवत: आनुवंशिक रूप से उत्पत्ति नहीं हुई, हालांकि दो एजेंसियों का मानना है कि इस आकलन की पुष्टि करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं है।’’ खुफिया समुदाय का यह भी मानना है कि चीन के अधिकारियों को कोविड-19 संक्रमण फैलने से पहले इसके बारे में पूर्व जानकारी नहीं थी। इसमें कहा गया है, ‘‘सभी उपलब्ध खुफिया सूचना और अन्य जानकारी का आकलन करने के बाद खुफिया समुदाय अब भी कोविड-19 की उत्पत्ति को लेकर विभाजित है। सभी एजेंसियों का आकलन है कि दो चीजें हो सकती है : किसी संक्रमित पशु से संक्रमण फैलना और प्रयोगशाला से जुड़ी घटना से संक्रमण फैलना।’’ खुफिया समुदाय के कुछ लोगों का आकलन है कि सार्स-सीओवी-2 से संक्रमण का मामला प्रयोगशाला से जुड़ी घटना का नतीजा हो सकती है जिसमें संभवत: प्रयोग, जानवरों की देखभाल या वुहान विषाणु विज्ञान संस्थान द्वारा नमूना लेना शामिल हो सकता है।’’

इसे भी पढ़ें: आयकर विभाग ने राजकोट के रियल्टी समूह पर छापेमारी में 300 करोड़ के काले धन का पता लगाया

इस बीच, रिपोर्ट मिलने की जानकारी देते हुए बाइडन ने एक बयान में कहा कि उनका प्रशासन इस संक्रमण की जड़ तक पहुंचने के लिए हर संभव प्रयास करेगा ताकि भविष्य में फिर से इसे होने से रोकने के लिए सभी आवश्यक एहतियात उठाए जा सकें। उन्होंने कहा कि इस महामारी की उत्पत्ति की अहम जानकारी चीन में है लेकिन ‘‘शुरुआत से लेकर अब तक चीन में सरकारी अधिकारियों ने अंतरराष्ट्रीय जांचकर्ताओं और वैश्विक जन स्वास्थ्य समुदाय के सदस्यों को इसका पता लगाने से रोकने के लिए काम किया है।’’ बाइडन ने आरोप लगाया कि अभी तक भी चीन पारदर्शिता की अपीलों को खारिज करता रहा है और सूचना को रोकता रहा है जबकि महामारी से मरने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘दुनिया को जवाब मिलना चाहिए और मैं जवाब मिलने तक शांत नहीं बैठूंगा। जिम्मेदार देश बाकी दुनिया के प्रति इस तरह की जिम्मेदारियों से नहीं बचते।

महामारियां अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की परवाह नहीं करती तथा हमें और महामारियों को रोकने के लिए यह समझना होगा कि कोविड-19 कैसे आया।’’ उन्होंने कहा कि अमेरिका कोविड-19 की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए चीन पर पूरी तरह सूचना साझा करने और विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ सहयोग करने के लिए दबाव डालने के वास्ते दुनियाभर के सभी साझेदारों के साथ काम करता रहेगा। बाइडन ने कहा कि अमेरिका महामारी के शुरुआती दिनों के आंकड़ें और सूचना साझा करने समेत वैज्ञानिक नियमों और मानकों तथा जैव सुरक्षा से संबंधित प्रोटोकॉलका पालन करने के लिए चीन पर दबाव डालता रहेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी इस वैश्विक त्रासदी की पूरी और पारदर्शी जवाबदेही है। इससे कम कुछ भी मंजूर नहीं।

प्रमुख खबरें

Narayan Kavach Benefits: नारायण कवच का पाठ करने से बढ़ता है सौभाग्य, जानिए किस दिन से करें शुरूआत

प्रबुद्ध राजनेता होने के साथ ही अपने सौम्य व्यवहार के लिए स्मृतियों में रहेंगे मनमोहन: बिरला

मनमोहन का निधन बड़ी क्षति, उन्हें सेवा और विनम्रता के लिए हमेशा याद किया जाएगा: मुर्मू

जयशंकर ने व्हाइट हाउस में एनएसए सुलिवन से मुलाकात की; क्षेत्रीय, वैश्विक विकास पर चर्चा की