By अंकित सिंह | Jul 04, 2022
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधीनगर में डिजिटल इंडिया वीक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने इंडियास्टैक ग्लोबल, माईस्कीम और मेरी पहचान-नेशनल सिंगल साइन ऑन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मोदी ने कहा कि आज का ये कार्यक्रम 21वीं सदी में निरंतर आधुनिक होते हुए भारत की एक झलक लेकर आया है। टेक्नोलॉजी का सही उपयोग पूरी मानवता के लिए कितना क्रांतिकारी है, इसका उदाहरण भारत ने डिजिटल इंडिया अभियान के तौर पर पूरे विश्व के सामने रखा है। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि 8 वर्ष पहले शुरू हुआ ये अभियान बदलते हुए समय के साथ खुद को विस्तार दे रहा है।
PM मोदी ने आगे कहा कि हर साल डिजिटल इंडिया अभियान में नए आयाम जुड़े हैं, नई टेक्नोलॉजी का समावेश हुआ है। आज जो नए प्लेटफार्म और प्रोग्राम लॉन्च हुए हैं, वो इसी श्रृंखला को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि समय के साथ जो देश आधुनिक टेक्नोलॉजी को नहीं अपनाता, समय उसे पीछे छोड़कर आगे निकल जाता है। तीसरी औद्योगिक क्रांति के समय भारत इसका भुक्तभोगी रहा है। लेकिन आज हम ये गर्व से कह सकते हैं कि भारत चौथी औद्योगिक क्रांति, इंडस्ट्री 4.0 में दुनिया को दिशा दे रहा है।
इसके साथ ही मोदी ने कहा कि सिर्फ 8-10 साल पहले की स्थितियों को याद कीजिए...जन्म प्रमाणपत्र लेने के लिए लाइन, बिल जमा करना है तो लाइन, राशन के लिए लाइन, एडमिशन के लिए लाइन, रिजल्ट और सर्टिफिकेट के लिए लाइन, बैंकों में लाइन, इतनी सारी लाइनों का समाधान भारत ने ऑनलाइन होकर किया। प्रधानमंत्री ने दावा किया कि आज डिजिटल गर्वनेंस का एक बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर भारत में है। 1- जनधन, 2- मोबाइल, 3- आधार कार्ड, JAM की त्रिशक्ति का देश के गरीब और मध्यम वर्ग को सबसे अधिक लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि DBT के माध्यम से बीते 8 साल में 23 लाख करोड़ रुपये से अधिक सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजे गए हैं। इस टेक्नोलॉजी की वजह से करीब सवा 2 लाख करोड़ रुपये जो किसी और के हाथ में जाते थे, वो बच गए हैं।