वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए इतने बड़े-बड़े कदम उठाने की घोषणा कर दी है कि शेयर बाजारों से लेकर उद्योग जगत की सभी हस्तियां एक महीने पहले ही दिवाली मना रही हैं। रुपए की कीमत में उछाल आ गया तो शेयर बाजारों में दस साल की सबसे बड़ी तेजी दर्ज की गयी। यही नहीं एक उद्योगपति ने तो ट्वीट कर दिया है कि यह 20 साल के बजटों में किये गये ऐलानों से भी बड़े ऐलान हैं। जी हाँ, शुक्रवार का दिन जैसे गुड फ्राइडे बन गया जब वित्त मंत्री ने कंपनियों के लिये आयकर की दर करीब 10 प्रतिशत घटाकर 25.17 प्रतिशत तथा नयी विनिर्माण कंपनियों के लिये कॉरपोरेट कर की प्रभावी दर घटाकर 17.01 प्रतिशत करने की घोषणा की। यानि अब कॉरपोरेट टैक्स 30% से घटकर 20% हो गया है और नई कंपनियों को सिर्फ 15% टैक्स ही देना होगा। आज के ऐलानों से साफ है कि देश में निवेश और बढ़ेगा, कंपनियों को फायदा होगा और नई नौकरियां आएंगी।
जीएसटी काउंसिल की बैठक से पहले सरकार ने ये कदम ऐसे समय उठाये हैं जब चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर छह साल के निचले स्तर 5 प्रतिशत पर आ गयी है। इन घोषणाओं से निवेश को प्रोत्साहन मिलने तथा रोजगार सृजन को गति मिलने की उम्मीद है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये घोषणाएं करते हुए कहा कि इन बदलावों को आयकर अधिनियम के लिये एक अध्यादेश के जरिये अमल में लाया जाएगा।
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कॉरपोरेट टैक्स में कटौती का असल लाभ देश की उन बड़ी कंपनियों को मिलने जा रहा है जो 30 प्रतिशत टैक्स स्लैब में आती हैं। सरकार को करों से जो आय होती है उसमें कॉरपोरेट टैक्स का बड़ा हिस्सा होता है। सरकार ने मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए 1 अक्तूबर, 2019 से देश में विनिर्माण कंपनी लगाने वाले कारोबारियों को भी राहत प्रदान करते हुए उनके कर की दर को 25 से घटा कर 15 प्रतिशत पर कर दिया है। सभी तरह के सरचार्ज और सेस लगने के बाद इनके लिए कर की प्रभावी दर 17.10 प्रतिशत हो जायेगी। माना जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से अपना स्टार्टअप शुरू करने की योजना पर विचार कर रहे लोगों का हौसला बढ़ेगा और वह उद्योग लगाने को आगे आएंगे।
विदेशी कंपनियां भारत में निवेश करने के लिए उत्साहित हों इसके लिए सरकार ने मिनिमम अल्टरनेट टैक्स (MAT) में भी राहत देने की घोषणा की है जिसके चलते अब कंपनियों को मौजूदा 18.5 की बजाय 15 प्रतिशत की दर से मैट देना होगा। आपको बता दें कि MAT उन कंपनियों पर लागू होता है जो लाभ में तो होती हैं लेकिन रियायतों की वजह से इन पर कर की देनदारी अन्यों से कम होती है। भारतीय अर्थव्यवस्था को अगले पांच सालों में 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँचाने का लक्ष्य लेकर चल रही मोदी सरकार का यह कदम विदेशी निवेशकों को बड़ी संख्या में भारत में निवेश के लिए आकर्षित कर सकता है। अभी विदेशी कंपनियों की सबसे बड़ी शिकायत ही यह होती है कि भारत में कर की दरें बहुत ज्यादा हैं।
पिछले काफी समय से देखने में आ रहा था कि शेयर बाजार सुस्त पड़ा हुआ है। हालांकि इसके पीछे कई वैश्विक कारण भी थे लेकिन आम बजट में कैपिटल गेंस पर सरचार्ज लगाने के फैसले ने घरेलू निवेशकों का उत्साह ठंडा कर दिया था। अब मोदी सरकार ने कैपिटल गेंस पर से सरचार्ज हटा दिया है जिससे 17 साल के सबसे खराब दौर में पहुँचे शेयर बाजार ने एक ही दिन में रिकॉर्ड ऊँचाई पाने का नया इतिहास रच दिया है। इसके अलावा वित्त मंत्री ने 5 जुलाई 2019 से पहले शेयर बायबैक का ऐलान करने वाली सूचीबद्ध कंपनियों पर बायबैक टैक्स से छूट देने का भी ऐलान किया है।
वित्त मंत्री ने कहा है कि कर की दरें कम करने तथा अन्य घोषणाओं से राजस्व में सालाना 1.45 लाख करोड़ रुपये की कमी का अनुमान है। हालांकि उन्होंने इन नयी घोषणाओं का राजकोषीय घाटा के लक्ष्य पर असर पड़ने संबंधी सवाल को दरकिनार कर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार वास्तविकता के प्रति सजग है और वह बाद में आंकड़ों में सामंजस्य बिठाएगी। उल्लेखनीय है कि इससे पहले वित्तमंत्री तीन किस्तों में राहत की घोषणा कर चुकी हैं।
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अब बात कर लेते हैं वित्त मंत्री की इन घोषणाओं पर बाजार और विशेषज्ञों की राय की। वित्त मंत्री के ऐलानों के बाद बंबई शेयर बाजार और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सबसे बड़ा उछाल दर्ज किया गया है। वित्त मंत्री के ऐलानों के बाद आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी कहा है कि कार्पोरेट टैक्स घटाने का फैसला एक बड़ा कदम है और इसका अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर होगा। अब विशेषज्ञों की नजर सरकार की ओर से आर्थिक सुधारों के लिए उठाये जाने वाले और कदमों पर भी लग गयी है। बाजार को सरकार से अब भूमि और श्रम पर सुधार की उम्मीद है साथ ही उनका मानना है कि अभी वित्तीय स्थिरता पर नजर बनाए रखने की जरूरत है।
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार के इस फैसले से छोटी कंपनियों के लिए रुकावट हट जाएगी। सरकार ने निवेश बढ़ाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार की ओर से किये गये ऐलानों के बाद भारत में निवेश की संभावना बढ़ेगी। वहीं दुनिया भर के फंड भारत में आ सकते हैं। कॉरपोरेट टैक्स घटाना सकारात्मक और बड़ा कदम है। सरकार के इस ऐलान से कंपनियों का मुनाफा 14% बढ़ेगा। यही नहीं कुछ कंपनियों के लिए अब टैक्स की दर 4% तक कम हो जाएगी। उद्योगपति पवन गोयका ने सरकार के ऐलानों पर ट्वीट करते हुए कहा है कि लगता है दिवाली आज ही है। वहीं समीर अरोड़ा ने ट्वीट करते हुए कहा है कि आज किये गये ऐलान बजट से ही नहीं बल्कि पिछले 20 साल के बजटों से भी बड़े ऐलान हैं। कोटक महिंद्रा के उदय कोटक का कहना है कि सरकार अर्थव्यवस्था को संभालने में सक्षम है। कम टैक्स से कंपनियों में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और अमेरिका की तरह भारतीय कंपनियों पर टैक्स बोझ घटेगा। उदय कोटक का कहना है कि सरकार ने एक प्रगतिशील कदम उठाया है। वहीं दो दिन पहले तक ट्वीटर पर निर्मला सीतारमण से तीखे सवाल करने वालीं बॉयोकॉन की किरन मजूमदार अब कह रही हैं कि सरकार के इस कदम से बड़ा फायदा होगा। बाजार और अर्थव्यवस्था को ऐसे ही फैसले की जरूरत थी। उन्होंने वित्त मंत्री को उनके कदमों के लिए बधाई दी है।
- गौतम मोरारका