नयी दिल्ली। भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के रिकॉर्ड 4,213 मामले सामने आने के साथ ही सरकार ने सोमवार को कहा कि कुछ खास जगहों पर अपेक्षाकृत बड़ी संख्या में मामले देखे गए हैं और नियंत्रण प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है, ताकि देश सामुदायिक प्रसार के चरण में न पहुंचे। सरकार ने यह भी कहा कि कोरोना वायरस का पता लगाने वाला एप ‘आरोग्य सेतु’ सुरक्षित है और इसे लोगों की निजता की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। यह कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह पूछे जाने पर कि क्या बीमारी का सामुदायिक प्रसार हुआ है, स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा, ‘‘यहां (देश में)’ कुछ क्षेत्रों के बारे में पता चला है और कुछ मामलों में कुछ खास जगहों पर बड़ी संख्या में मामले भी सामने आए हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘और इस परिप्रेक्ष्य में, यदि आपको याद हो तो एम्स निदेशक (डॉ. रणदीप गुलेरिया) ने कहा था कि यदि इन्हें उचित रूप से नियंत्रित नहीं किया गया तो प्रसार की दर अधिक हो जाएगी। इसलिए, हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि अब हम नियंत्रण प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करें और सुनिश्चित करें कि हम सामुदायिक प्रसार के चरण में न पहुंचें।’’
अग्रवाल ने कहा कि अब तक कोरोना वायरस के 20,917 रोगी ठीक हो चुके हैं। इससे स्वस्थ होने वालों की दर 31.15 प्रतिशत हो गई है। पिछले 24 घंटे में 1,559 रोगी ठीक हुए हैं जो एक दिन में ठीक होने वालों की अब तक की सर्वाधिक संख्या है। अधिकारप्राप्त समूह 9 के अध्यक्ष अजय साहनी ने कहा कि मोबाइल एप्लीकेशन इसलिए विकसित किया गया है, ताकि लोग संक्रमित रोगियों के संपर्क में आने से पहले सतर्क हो सकें और मदद के लिए पर्याप्त कदम उठाने के वास्ते स्वास्थ्य प्रणाली को सचेत कर सकें। यह समूह प्रौद्योगिकी और डेटा प्रबंधन का काम देखता है। उन्होंने कहा कि आरोग्य सेतु मोबाइल एप ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। एप को इस हिसाब से विकसित किया गया है कि लोगों की निजता भंग न हो। साहनी ने कहा कि करीब 9.8 करोड़ लोग आरोग्य सेतु एपडाउनलोड कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि आरोग्य सेतु एप की मदद से कोविड-19 के लगभग 697 संभावित ‘हॉटस्पॉट’ की पहचान की गई।
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साहनी ने कहा कि एप सुरक्षित है और इसका इस्तेमाल केवल स्वास्थ्य उद्देश्य के लिए किया जाता है तथा यह लोगों की पहचान उजागर नहीं करता। उन्होंने कहा कि लगभग इस एप का इस्तेमाल करने वाले 1.4 लाख लोगों को ब्लूटूथ संपर्क के जरिए संक्रमित लोगों के नजदीक होने की वजह से संक्रमण के संभावित जोखिम को लेकर सूचना मिली है। साहनी ने कहा कि आरोग्य सेतु का इस्तेमाल करनेवालों की संख्या जल्द ही 10 करोड़ तक पहुंच जाएगी और इसने पांच करोड़ लोगों तक तेजी से पहुंचकर सबसे तेज एप होने का विश्व रिकॉर्ड कायम किया है। कुछ खबरों में किए गए इन दावों के बारे में कि सरकार ‘हॉटस्पॉट’ के बारे में धर्म आधारित पहचान करने पर विचार कर रही है, अग्रवाल ने कहा कि यह बहुत ही गैर-जिम्मेदाराना, निराधार और गलत खबर है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी का धर्म, नस्ल और क्षेत्र से कोई लेना-देना नहीं है तथा यह सावधानी के अभाव में फैलती है। अग्रवाल ने कहा कि कोविड-19 के लक्षण होने पर किसी को इन्हें छिपाना नहीं चाहिए और सामने आकर इसकी जानकारी देनी चाहिए जिससे कि संबंधित व्यक्ति दूसरे लोगों को संक्रमित न कर पाए।