By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 21, 2020
वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस को लेकर एक बार फिर चीन को निशाने पर लिया है। ट्रंप ने कहा है कि चीन ने दुनिया भर में जो दर्द और नरसंहार का प्रसार किया है, वह उससे ध्यान हटाने की कोशिश के तहत व्यापक दुष्प्रचार अभियान चला रहा है। ट्रंप ने चीन द्वारा कोविड-19 महामारी से निपटने को लेकर निराशा जताई और दावा किया कि चीन की अक्षमता की वजह से दुनिया भर में बड़े पैमाने पर लोगों की जान गई है। ट्रंप ने बुधवार को ट्वीट किया, चीन बड़े पैमाने पर दुष्प्रचार अभियान चला रहा है, क्योंकि वह चाहता है कि सुस्त जो बाइडेन राष्ट्रपति पद की दौड़ में जीत जाएं ताकि वह अमेरिका का शोषण करना जारी रख सके जैसा वह मेरे आने तक दशकों तक कर रहा था। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, चीन की तरफ से प्रवक्ता मूर्खतापूर्ण बातें करते हैं और उस दर्द और नरसंहारसे ध्यान हटाने की कोशिश करते हैं जो उनके देश ने दुनिया भर में फैलाया है। उसका दुष्प्रचार और अमेरिका तथा यूरोप पर दुष्प्रचार हमला एक अपमान है...यह सब शीर्ष से हो रहा है। वह मुसीबत को आसानी से रोक सकते थे, लेकिन उन्होंने नहीं किया। ट्रंप ने दुनिया भर में कोरोना वायरस के प्रसार के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया और उस पर अक्षमता का आरोप लगाया।
इसे भी पढ़ें: भारत पर अमेरिकी प्रतिबंधों का विचार अब भी है: शीर्ष अमेरिकी राजनयिक
राष्ट्रपति ने कहा, चीन में कुछ नासमझ लोग बयान जारी कर चीन के अलावा वायरस के लिए सबको जिम्मेदार ठहराते हैं, जो हजारो लोगों की जा ले चुका है।कृपया इस मुर्ख व्यक्ति को समझाइए कि यह चीन की अक्षमता थी, जिससे दुनिया भर में बड़े पैमाने पर लोगों की जान गई। इसके अलावा कुछ नहीं। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिआन ने पिछले महीने कहा था, विश्व स्वास्थ्य संगठन को कोविड-19 के बारे में बताने वाला चीन पहला देश था। इसका मतलब यह नहीं है कि वायरस की उत्पत्ति वुहान से हुई है... कभी कुछ नहीं छुपाया गया है और न हम छुपाएंगे। कोरोना वायरस पिछले साल दिसंबर में सबसे पहले चीन के वुहान में सामने आया था। यह वायरस 328,120 लोगों की जान ले चुका है और करीब 50 लाख लोगों को संक्रमित कर चुका है। इस बीच, अमेरिकी सीनेट ने ‘होल्डिंग फॉरेंन कंपनीज अकाउंटेबल एक्ट’ नामक विधेयक पारित किया है जो चीन और अन्य देशों की ऐसी कंपनियों पर निगरानी को बढ़ाना देने की बात करता है जिन्हें अमेरिकी बाजार से हटाया जा सकता है।