By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 18, 2020
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में शनिवार को कोरोना वायरस के 465 नए मरीज आने के साथ ही संक्रमितों की संख्या बढ़कर 7,481 हो गई। वहीं, सरकार मस्जिदों में लोगों के जमा होने के खिलाफ आदेशों का उल्लंघन करने वाले मौलवियों पर लगाम कसने के लिए संघर्ष कर रही है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा मंत्रालय ने बताया कि अब तक 143 लोगों की मौत हो चुकी है। अन्य 1,832 मरीज स्वस्थ हो गए। सबसे बड़े प्रांत पंजाब में 3,391 मामले, सिंध में 2,217, खैबर पख्तूनख्वा में 1,077, बलूचिस्तान में 335, गिलगित-बाल्तिस्तान में 250, इस्लामाबाद में 163 और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 48 मामले सामने आए। मंत्रालय ने बताया कि अभी तक 92,548 लोगों की जांच की गई है जिनमें से 6,416 लोगों की जांच पिछले 24 घंटे में की गई।
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विषाणु पर नियंत्रण लगाने की कोशिशों के बीच संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। सरकार के सामने सबसे बड़ी बाधा मौलवियों को मस्जिदों में एक साथ मिलकर सामूहिक इबादत से रोकने के लिए राजी करना हो रहा है। राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने शुक्रवार को जमात-ए-इस्लामी प्रमुख सीनेटर सिराजुल हक, जमात उलेमा-ए-इस्लाम-फज्ल प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान, मरकजी जमात अहले हदीस प्रमुख सीनेटर साजिद मीर और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज नेता राना तनवीर हुसैन से शुक्रवार को इस मुद्दे पर बात की। प्रधानमंत्री इमरान खान के भी इस अहम मुद्दे पर धार्मिक नेताओं को विश्वास में लेने के लिए उनसे मुलाकात करने की संभावना है। अभी तक तबलीगी जमात ने सहयोग का वादा किया है और उसके प्रमुख मौलाना नजरुर रहमान ने अपने अनुयायियों से रमजान में आधिकारिक दिशा निर्देशों का पालन करने की अपील की है। धार्मिक मामलों के मंत्री पीर नूरुल हक कादरी ने शुक्रवार को मौलवियों से कोरोना वायरस को हराने के लिए सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करने के लिए कहा। शुक्रवार को आधिकारिक दिशा निर्देशों के उल्लंघन की कई घटनाएं दर्ज की गई। लेकिन गत शुक्रवार के मुकाबले हालात बेहतर रहे जब कराची में एक मस्जिद के बाहर पुलिस और नमाजियों के बीच झड़प हो गई थी। इस बीच, द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक, वाघा बॉर्डर के जरिए भारत से पाकिस्तान लौटी दो महिलाएं कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गई हैं। उनके समेत कुल 41 लोग देश में लौटे हैं।