नयी दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में पिछले सप्ताह
कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि के बीच
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री
सत्येंद्र जैन ने सोमवार को कहा कि यहां कोविड-19 की संक्रमण दर 10 फीसद के नीचे है, जबकि विशेषज्ञों ने इस वृद्धि के लिए अर्थव्यवस्था को खोलने तथा बाहर के मरीजों के उपचार के लिए यहां पहुंचने को जिम्मेदार ठहराया। दिल्ली में रविवार को कोरोना वायरस के 1450 नये मामले सामने आये जो अगस्त में एक दिन में सर्वाधिक नये मरीज हैं। इसी के साथ यहां संक्रमण के कुल मामले 1.61 लाख से अधिक हो गये जबकि अब तक 4300 लोगों की इस महामारी से जान जा चुकी है।
दिल्ली में उससे पहले शनिवार को कोविड-19 के 1412 नये मामले सामने आये थे। यहां एक अगस्त के बाद कोरोना वायरस के नये मामलों में उतार-चढ़ाव देखे गये हैं। यहां एक अगस्त को कोरोना वायरस के 1118 नये मामले सामने आये थे। उसके अगले तीन दिन तक रोज 1000 से कम नये मरीज सामने आये। पांच अगस्त से लेकर नौ अगस्त तक रोज इस महामारी के नये मामले फिर 1000 के ऊपर चले गये तथा दस अगस्त को 707 लेागों में इस संक्रमण की पुष्टि हुई। ग्यारह अगस्त और 22 अगस्त के बीच तीन दिन रोज 1000 से कम नये मामले सामने आये। 13 अगस्त को 956, 16 अगस्त को 652 तथा 17 अगस्त को 787 नये मरीज सामने आये। आंकड़ों के अनुसार जिन दिनों में कोरोना वायरस के मामले 1000 से कम आये उन दिनों भी औसत 20000 से कम जांच रहीं। दिल्ली में रोजाना औसतन 20000 जांच की जा रही है। मामलों में वृद्धि के बारे में पूछे जाने पर जैन ने कहा, ‘‘एक ऐसा वक्त था जब संक्रमण दर 40 फीसद से अधिक थी , फिर वह घटकर 30 फीसद हुआ और अब यह दस फीसद के नीचे है। एक से डेढ़ फीसद का अंतर हो सकता है।’’ जैन कहते रहे है कि यहां इलाज के लिए पहुंच रहे लोगों में 33 फीसद दिल्ली के बाहर से हैं। राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बी एल शेरवाल ने कहा, ‘‘ करीब करीब सभी चीज खुल रही हैं..लेकिन यदि मामले 2000 के पार जाते हैं तो यह चिंता का कारण है। थोड़ी वृद्धि हुई है लेकिन हम नहीं कहेंगे कि यह चिंताजनक है, जब तक यह बीमारी हल्की या बिना लक्षण वाला है। मृत्युदर नियंत्रण में है और यह हम सभी के लिए राहत की बात है। लोग एहतियात बरत रहे हैं।