By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 09, 2020
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दिल्ली, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, बिहार और असम समेत कई अन्य जगहों से शनिवार को संक्रमण के नए मामले सामने आए। दिसंबर में चीन में मामले सामने आने के बाद से वैश्विक स्तर पर दुनिया में करीब 40 लाख लोग अबतक इस महामारी से संक्रमित हो चुके हैं जबकि करीब 2.75 लाख लोगों की जान जा चुकी है। थोड़ी राहत की बात यह है कि इस बीमारी से दुनिया भर में करीब 13 लाख लोग ठीक भी हो चुके हैं। इनमें से दो लाख अमेरिका में और 1.4 लाख जर्मनी के हैं। जर्मनी और दक्षिण कोरिया उन देशों में शामिल हैं जिन्होंने अपनी व्यापक जांच और संपर्कों की पहचान के जरिये बड़ी संख्या में संभावित मौतों को टाला है। लेकिन शनिवार को चिंता के बादल दोनों देशों में तब फिर मंडराने लगे जब बंद में कई छूट दिये जाने के बाद वहां संक्रमण के फिर से पांव पसारने का जोखिम बढ़ गया। भारत में भी 25 मार्च से लागू राष्ट्रव्यापी बंद के तीसरेचरण में कुछ ढील दी गई है। बंद के फिलहाल 17 मई को खत्म होने की उम्मीद है। गोवा के कला एवं संस्कृति मंत्री गोविंद गावड़े ने शनिवार को कहा कि प्रदेश सरकार संगीत कक्षाओं के आयोजन और सरकारी पुस्तकालयों को चरणबद्ध तरीके से फिर से खोलने की इजाजत दे सकती है और यह अनुमति सख्त सामाजिक दूरी के नियमों के पालन की शर्त पर दी जाएगी। गोवा को फिलहाल कोरोना वायरस संक्रमण का कोई मामला नहीं मिलने के बाद ग्रीन जोन में रखा गया है। फंसे हुए लाखों प्रवासी कामगारों को उनके पैतृक स्थान तक पहुंचाने के लिये विशेष ट्रेनों और बसों का संचालन किया जा रहा है वहीं विदेशों में फंसे भारतीयों को भी विशेष उड़ानों से वापस लाया जा रहा है। मौजूदा बंद का अर्थव्यवस्था पर भी भारी असर पड़ता दिख रहा है और कई विशेषज्ञों ने मौजूदा वित्तवर्ष के लिये शून्य से बेहद कम जीडीपी का अनुमान व्यक्त किया है।
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कुछ ने यह पूर्वानुमान भी व्यक्त किया है कि बंद की पाबंदियां जारी रहीं तो जीडीपी और गिरेगी। ईंधन की कीमतें पहले ही बढ़ चुकी हैं और रियल एस्टेट डेवलेपर्स के एक औद्योगिक निकाय ने कहा कि बीते कुछ हफ्तों में सीमेंट और स्टील के दाम 40-50 प्रतिशत बढ़ चुके हैं और उनके उत्पादकों द्वारों अनुचित व्यापार व्यवहार किया जा रहा है। कुछ औद्योगिक प्रतिष्ठानों ने मौजूदा राहतों के मुताबिक अपने प्रतिष्ठान खोलने शुरू कर दिये हैं। हुंदै मोटर इंडिया लिमिटेड ने कहा कि उसकी चेन्नई स्थित निर्माण इकाई में शुक्रवार को काम शुरू होने के बाद पहले दिन 200 कारों का उत्पादन हुआ। तमिलनाडु में शनिवार को कोरोना वायरस से चार और लोगों की मौत हो गई तथा इसके 526 और मामले सामने आने के बाद राज्य में मामलों की कुल संख्या बढ़कर 6,535 हो गई है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के 224 और मामले सामने आए जिससे राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या 6,542 हो गयी है। दिल्ली सरकार ने शनिवार को यह जानकारी दी। दिल्ली में मृतकों की संख्या को लेकर थोड़ी भ्रम की स्थिति दिखी क्योंकि दिल्ली सरकार के चार अस्पतालों के मृतकों की संख्या और दिल्ली सरकार द्वारा दिये गए मृतकों के आंकड़ों में अंतर था। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि मामला छिपाने का कोई कारण नहीं है और किसी भी मामले की गिनती छोड़ी नहीं जाएगी हालांकि संख्या में इस विसंगति के लिये उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
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पश्चिम बंगाल के आंकड़ों में भी अंतर नजर आया। कुछ दिनों से राज्य सरकार के आंकड़े केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों से कम रहे हैं। वहीं दिल्ली से सटे नोएडा में कोविड-19 के कारण दूसरी मौत हुई है जबकि वहां संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 216 हो गई है। उत्तर प्रदेश में संक्रमण के मामलों में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई। राजस्थान में 76 नए मामले सामने आए तो कर्नाटक में भी संक्रमण के 36 नए मामले मिले हैं। बिहार मिलिट्री पुलिस (बीएमपी) के पांच कर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं जिसके बाद राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 579 हो गई है। असम में डेंटल कॉलेज की एक छात्रा संक्रमित मिली है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 मामलों के लिए अस्पताल से छुट्टी दिये जाने की नीति में बदलाव किया है। अब कोरोना वायरस संक्रमण के केवल गंभीर मरीजों की ही अस्पताल से छुट्टी दिये जाने से पहले जांच की जायेगी। नये बदलावों के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमित रोगियों में गंभीर बीमारी विकसित होती है या रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कमजोर होती है तो ऐसे मरीजों को अस्पताल द्वारा छुट्टी देने से पहले आरटी-पीसीआर जांच करानी होगी। कोविड-19 के हल्के और बहुत हल्के मामलों में लक्षणों के समाप्त होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दिये जाने से पहले जांच कराये जाने की जरूरत नहीं होगी। अब तक के नियमों के अनुसार, किसी मरीज को तब छुट्टी दी जाती थी जब 14 दिन पर उसकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आती थी और इसके बाद फिर 24 घंटे के अंतराल में रिपोर्ट निगेटिव आती थी।