By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 27, 2022
नयी दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ भीमराव आंबेडकर कॉलेज के छात्रों ने कॉलेज प्रशासन पर आरोप लगाया है कि थियेटर सोसाइटी का नाम इसलिए बदल दिया गया क्योंकि वह उर्दू में था। कॉलेज के अधिकारियों ने इस आरोप का खंडन किया है। छात्रों के अनुसार, थिएटर सोसाइटी का नाम “इल्हाम” था जिसे बदलकर “आरंभ” कर दिया गया है। बहरहाल, प्राचार्य आर एन दुबे ने आरोप का खंडन किया और इसे अपने विरुद्ध “राजनीतिक प्रतिशोध” करार दिया।
थिएटर समूह के एक सदस्य ने कहा कि कुछ सप्ताह पहले कॉलेज के एक अधिकारी ने उन्हें बताया कि “इल्हाम” नाम प्रबंधन को मंजूर नहीं है और उन्हें यह नाम बदलना चाहिए। अपना नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर एक छात्र ने कहा कि कॉलेज ने धमकी दी कि अगर थिएटर सोसाइटी का नाम बदलने पर उसके सदस्य राजी नहीं हुए उसके कोष फ्रीज कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा, “शुरुआत में, सोसाइटी के सदस्य इसके विरोध में थे लेकिन हमें बताया गया कि अगर नाम नहीं बदला गया तो छात्रों की उपस्थिति दर्ज नहीं की जाएगी। इससे छात्र डर गए और सोसाइटी का नाम बदलने के लिए राजी हो गए।”
प्राचार्य ने इस आरोप का खंडन किया है। उन्होंने मंगलवार को फोन पर पीटीआई-से कहा, “मैंने किसी से सोसाइटी का नाम बदलने को नहीं कहा। किसी सोसाइटी का नाम बदलने की एक उचित प्रक्रिया है और वह स्वतंत्र है। मुझे लगता है कि यह मेरे विरुद्ध किसी प्रकार का राजनीतिक प्रतिशोध है।” थिएटर सोसाइटी के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे कॉलेज के एक पूर्व छात्र ने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब सोसाइटी का नाम बदलने का प्रयास किया गया है।
इस साल कॉलेज से पढ़कर निकले अली फराज रिजवी ने कहा, “मेरे कुछ जूनियरों ने मुझे बताया कि उन्होंने उपस्थिति दर्ज नहीं होने और सोसाइटी के कोष फ्रीज होने के डर से सोसाइटी का नाम बदल दिया है।” उन्होंने कहा, “जब मैं कॉलेज का छात्र था तो हमें भी ऐसी धमकियां दी जाती थीं। मैं एक बैठक में था जहां प्राचार्य ने हमें सोसाइटी का नाम बदलने को कहा।