दार्जीलिंग। जीजेएम प्रायोजित बंद आज लगातार सातवें दिन भी जारी रहा। इंटरनेट सेवाएं भी ठप रहीं और सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। पुलिस और सुरक्षा बलों ने पहाड़ी क्षेत्रों में गश्त की। इसके अलावा दार्जीलिंग के प्रवेश और निकासी मार्गों पर पुलिस ने नाकेबंदी की। दवा की दुकानों को छोड़कर अन्य दुकानें, होटल तथा रेस्टोरेंट बंद रहे। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) द्वारा मंगलवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में यह फैसला लिया गया कि सुरक्षा बलों के हटाए जाने तक दार्जीलिंग पहाड़ियों में अनिश्चितकालीन बंद जारी रहेगा। अलग गोरखालैंड की मांग को लेकर आठ जून से आंदोलन कर रहे जीजेएम ने गोरखा क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) पर त्रिपक्षीय समझौते से बाहर होने का भी फैसला किया है।
दार्जीलिंग से 65 किमी दूर नक्सलबाड़ी इलाके में चाय बागान के कामगारों को जीजेएम समर्थकों द्वारा पीटने की खबरें भी हैं हालांकि जीजेएम ने इससे इनकार किया है। अलग राज्य की मांग को लेकर जीजेएम ने विभिन्न पहाड़ी इलाकों में छोटी-छोटी रैलियां निकालीं। पहाड़ों में लगातार चौथे दिन भी इंटरनेट सेवा ठप रही। स्थानीय लोगों ने इसे लोकतांत्रिक आंदोलन के खिलाफ दमनकारी कदम बताया। मंगलवार की बैठक में शामिल होने वाले दलों ने पहाड़ी में जारी हालात पर चर्चा के लिए 22 जून को पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भाग नहीं लेने का फैसला लिया है। जीजेएम प्रवक्ता टी अर्जुन ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि इसमें एक सर्वदलीय समन्वय समिति के गठन का फैसला हुआ है जो जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करने के लिए प्रतिनिधिमंडल को भेजेगा ताकि अलग गोरखालैंड की मांग को लेकर दबाव बनाया जा सके।