Maharashtra Assembly Elections : कोथरुड सीट पर इसबार दिलचस्प होगा मुकाबला, बीजेपी के Chandrakant Patil के सामने होगी विपक्ष की कड़ी चुनौती

By Anoop Prajapati | Nov 06, 2024

इसी महीने महाराष्ट्र में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियों जोर-शोर से चल रही हैं। यह चुनाव पूरे राज्य में एक ही फेज में 20 नवंबर को होगा, जबकि वोटों की गिनती 23 नवंबर को किया जाएगा। हाल में संपन्न हुए हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के चुनाव के बाद सभी की नजरें महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव पर टिकी हुई है। जिसके लिए सभी पार्टियां अपनी-अपनी तैयारियां पूरी कर ली है। जिसको लेकर भारतीय जनता पार्टी ने अपनी तैयारियों को मजबूत करते हुए कोथरूड सीट से अपने दिग्गज नेता और वर्तमान विधायक चंद्रकांत पाटिल को चुनाव मैदान में उतार दिया है।


महाराष्ट्र का कोथरुड विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र – 210 महाराष्ट्र राज्य विधान सभा के 288 निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है । जोकि पुणे जिले का एक निर्वाचन क्षेत्र है। लोकसभा और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र परिसीमन आदेश, 2008 के अनुसार निर्वाचन क्षेत्रों की संरचना के अनुसार, कोथरुड निर्वाचन क्षेत्र में पुणे नगर निगम के वार्ड संख्या 43 से 58, 161 और 162 शामिल हैं। कोथरुड विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र पुणे लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है। भारतीय जनता पार्टी के चंद्रकांत (दादा) बच्चू पाटिल कोथरुड विधानसभा क्षेत्र के मौजूदा विधायक हैं। इस सीट से 2009 में चंद्रकांत बलभीम मोकाते ने जीत हासिल की थी। उसके बाद पिछले दो बार से इस सीट पर बीजेपी के प्रत्याशी ही जीतते आ रहे हैं।


क्या कहते हैं कोथरूड के जातीय आंकड़े?


सामान्य श्रेणी के तहत आने वाली कोथरूड सीट पर 2019 के आंकड़ों के मुताबिक 3 लाख 90 हजार 458 वोटर्स हैं। इस सीट पर एससी-एसटी वोटरों का महत्वपूर्ण रोल रहता है। यहां एससी-एसटी वोटर 37 हजार के करीब हैं। वहीं इस सीट पर मुस्लिम की संख्या की 9 हजार के करीब है। वह इस समय वर्तमान मंत्री के पद पर भी आसीन है। बीजेपी ने उनपर एक बार और भरोसा जताया है। अब देखना होगा कि चंद्रकांत पाटिल एक बार फिर से विजयी होते है या विपक्ष कोई चाल चलने में कामयाब हो पाता है।


चंद्रकांत पाटिल का परिचय


चंद्रकांत (दादा) का लक्ष्य जनता को अपने साथ लेकर आगे बढ़ना है। 10 जून 1959 को एक महाराष्ट्रीयन परिवार में जन्मे, वे मुंबई के एक छोटे से इलाके में पले-बढ़े। राष्ट्र की सेवा करने की उनकी इच्छा 18 साल की उम्र में ही शुरू हो गई थी और उनके जुनून ने उन्हें एक मिल मजदूर के बेटे से राज्य के उत्थान के पीछे एक प्रेरक शक्ति बना दिया। चंद्रकांत दादा के नाम से मशहूर, उनके लोगों के अनुकूल व्यवहार ने उन्हें लोगों के बीच बहुत प्रतिष्ठा दिलाई। लोगों की निस्वार्थ सेवा करने के संकल्प के साथ, उनका विचार नेतृत्व और उत्कृष्ट बौद्धिक विश्लेषण किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के साथ-साथ ग्रामीण महाराष्ट्र के विकास के पीछे मार्गदर्शक शक्ति रहा है।


वे 2004 से राजनीति में सक्रिय रूप से शामिल हैं और भारतीय जनता पार्टी के एक प्रमुख सदस्य हैं। 2004 में वे महाराष्ट्र इकाई के महासचिव थे। 2008 में वे पुणे स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य चुने गए और बाद में 2014 में अपना दूसरा कार्यकाल जीतने के बाद वे उपाध्यक्ष के पद पर आसीन हुए। वे 2014 से महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री हैं और 'सहकारिता, विपणन, कपड़ा और लोक निर्माण' विभाग का नेतृत्व कर रहे थे। जुलाई 2016 से वे 'राजस्व, राहत और पुनर्वास, और लोक निर्माण' (सार्वजनिक उपक्रमों को छोड़कर) विभाग के लिए जिम्मेदार हैं। 29 जुलाई को उन्हें महाराष्ट्र भाजपा का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।


कैबिनेट मंत्री के तौर पर उन्होंने हमेशा त्वरित निर्णय लेने और प्रक्रियाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर दिया है। वह जनहित को सर्वोच्च प्राथमिकता देने में विश्वास करते हैं और अपने सभी प्रयासों में पारदर्शिता रखते हैं। उनके पास राज्य के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने, किसानों के जीवन को बेहतर बनाने, राज्य को पर्यावरण के अनुकूल बनाने, राज्य की डिजिटल अर्थव्यवस्था में योगदान देने, पर्यटन क्षेत्र में अधिक रोजगार के अवसर पैदा करने और गांवों को सशक्त बनाने का विजन है। उनकी उपलब्धियों की सूची में पत्रकारों के लिए पेंशन योजना की घोषणा, शहीदों को समर्पित 'भारत के वीर' पहल में योगदान देना और किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए ऋण माफी योजना की अपील करना शामिल है।

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