By प्रेस विज्ञप्ति | Nov 26, 2021
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में कल एक दिन में कुल 1,52,070 सैम्पल की जांच की गयी है। जिसमें कोरोना संक्रमण के 8 नये मामले आये हैं। प्रदेश में कल तक कुल 8,70,26,970 सैम्पल की जांच की गयी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले 24 घंटे में 08 तथा अब तक कुल 16,87,368 लोग कोविड-19 से ठीक हो चुके हैं। प्रदेश में कोरोना के कुल 91 एक्टिव मामले है। उन्होंने बताया कि कोविड वैक्सीनेशन का कार्य निरन्तर किया जा रहा है। प्रदेश में कल एक दिन में 17,10,324 डोज दी गयी। प्रदेश में कल तक पहली डोज 10,87,74,706 तथा दूसरी डोज 4,65,09,162 लगायी गयी हैं। कल तक कुल 15,52,83,868 कोविड डोज दी गयी है। प्रसाद ने बताया कि कोविड संक्रमण अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है। इसलिए सभी लोग कोविड अनुरूप आचरण करे। टीकाकरण के बाद भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन अवश्य करें। किसी भी प्रकार की समस्या होने पर कोविड हेल्पलाइन 18001805145 पर सम्पर्क करे।
पंडित दीनदयाल पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय
उत्तर प्रदेश सरकार ने जनपद मथुरा स्थित उ0प्र0पंडित दीनदयाल पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गौ अनुसंधान संस्थान के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में चतुर्थ किश्त के रूप में 292.50 लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत की है। स्वीकृत धनराशि का व्यय विश्वविद्यालय के सुनियोजित एवं सुव्यवस्थित संचालन में किया जायेगा। पशुधन विभाग द्वारा इस संबंध में आवश्यक शासनादेश जारी करते हुए कुलपति, उ0प्र0पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय अनुसंधान संस्थान, को आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं । आदेश में कहा गया है कि स्वीकृत की जा रही धनराशि का व्यय अनुमोदित कार्य योजना एवं मदों में योजना हेतु निर्धारित गाइडलाइंस का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करते हुए किया जाए ।
दिव्यांगता निवारण के प्रचार-प्रसार से सम्बन्धित अनुदान हेतु 35 लाख रूपये मंजूर
प्रदेश सरकार ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में दिव्यांगता निवारण के प्रचार-प्रसार से संबंधित अनुदान हेतु 35 लाख रूपये मंजूर किये हैं। मंजूर की गयी धनराशि व्यय की स्वीकृति सहित निदेशक, दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग को उपलब्ध करा दी गयी है। इस संबंध में विशेष सचिव, दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, अजीत कुमार की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है। आदेशानुसार जिस कार्य/मद में वित्तीय स्वीकृति की जा रही है, उसका उपयोग नियमानुसार व्यय उसी कार्य/मद हेतु किया जायेगा और इसका समस्त दायित्व निदेशक, दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग का होगा। साथ ही मंजूर की गयी धनराशि का आहरण एवं व्यय आवश्यकतानुसार व नियमानुसार किये जाने का पूर्ण दायित्व निदेशक, दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, उ0प्र0 का होगा।
उत्तर प्रदेश राज्य लोक सेवा अधिकरण में संविधान दिवस मनाया गया
उत्तर प्रदेश राज्य लोक सेवा अधिकरण में आज संविधान दिवस मनाया गया। इस अवसर पर राज्य लोक सेवा अधिकरण के अध्यक्ष, मा0 न्यायमूर्ति सुधीर कुमार सक्सेना ने संविधान की उद्देशिका की शपथ दिलायी। मा अध्यक्ष ने अपने संबोधन में संविधान की महत्ता एवं इसके महत्वपूर्ण पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस अवसर पर अधिकरण के सदस्यगण, निबंधक, सभी अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे।
गंगा एक्सप्रेस-वे
माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण नई दिल्ली में योजित प्रभात वास्तव बनाम उत्तर प्रदेश सरकार एवं अन्य से सम्बंधित वाद जिसका सम्बंध गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण के दौरान तालाबों/जल निकायों एवं वृक्षों की अवैधानिक रूप से नष्ट किये जा रहे कृत्य को रोकने के लिए उपचारात्मक कार्यवाही हेतु सिंचाई विभाग का पक्ष प्रस्तुत करने के लिए मुख्य अभियंता (शारदा सहायक) सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग उ0प्र0 लखनऊ को वाद की पैरवी करने के लिए नोडल अधिकारी के रूप में नामित किया गया है। नोडल अधिकारी द्वारा इस प्रकरण में समय-समय पर और भविष्य में आयोजित होने वाली बैठकों में शामिल होंगे। विशेष सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन मुश्ताक अहमद की ओर से 23 नवम्बर, 2021 को जारी शासनादेश में कहा गया है कि नोडल अधिकारी समय-समय पर एनजीटी के समक्ष दिये गये आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करेंगे तथा प्रकरण से सम्बंधित बैठकों में शासन का प्रतिनिधित्व करेंगे एवं इस कार्यवाही की अद्यतन स्थिति से शासन को अवगत कराएंगे।
जनपद झांसी में बड़वार नहर प्रणाली
सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा जनपद झांसी में बड़वार नहर प्रणाली के पुल-पुलियों की मरम्मत की परियोजना हेतु प्राविधानित धनराशि 10000 लाख रूपये में से 52 लाख 17 हजार रूपये की धनराशि स्वीकृत की गयी है। इस संबंध में विशेष सचिव सिंचाई मुश्ताक अहमद की ओर से 15 नवम्बर, 2021 को शासनादेश जारी करते हुए निर्देशित किया गया है कि विभाग द्वारा नियमानुसार समस्त आवश्यक वैधानिक आपत्तियां एवं पर्यावरणीय क्लीयरेंस सक्षम स्तर से प्राप्त करके ही निर्माण कार्य कराया जाये। इसके अलावा परियोजना का निर्माण कार्य समय से पूरा कराने के साथ ही धनराशि व्यय करते समय शासन द्वारा समय-समय पर जारी सुसंगत शासनादेशों का अनुपालन अनिवार्य रूप से किया जाये। धनराशि का व्यय स्वीकृत परियोजनाओं पर ही किया जाये ऐसा न किये जाने पर किसी प्रकार की अनियमितता के लिए विभाग की जिम्मेदारी होगी। स्वीकृत धनराशि का उपयोग स्वीकृत परियोजनाओं पर ही किया जाये। ऐसा न किये जाने पर किसी प्रकार की गड़बड़ी होने पर समस्त उत्तरदायित्व विभाग का होगा।
प्रधानमंत्री हथकरघा बुनकर मुद्रा योजनान्तर्गत तहत इस वर्ष पांच गुना अधिक ऋण स्वीकृत
अपर मुख्य सचिव, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग, डा0 नवनीत सहगल ने कहा कि प्रधानमंत्री हथकरघा बुनकर मुद्रा योजना के अंतगर्त बैंको द्वारा पिछले वर्ष की तुलना में इस वित्तीय वर्ष में लगभग पांच गुना से अधिक का ऋण स्वीकृत किया गया है। नवम्बर माह तक 1636 बुनकरों को 1173.35 लाख रुपये का ऋण स्वीकृत हुआ और इसमें से 154 बुनकरों को 127.77 लाख रुपये का ऋण भी वितरित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में 5000 बुनकरों को मुद्रा ऋण दिये जाने का लक्ष्य है। अपर मुख्य सचिव आज लोक भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में प्रधानमंत्री हथकरघा बुनकर मुद्रा योजना की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिए कि परिक्षेत्रीय अधिकारी संबंधित जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक आयोजित कराकर मुद्रा ऋण के लम्बित आवेदनों का शीघ्र निस्तारण करायें। साथ ही लम्बित आवेदन-पत्रों का विवरण राज्य स्तरीय बैकर्स समिति (एसएलबीसी) भेजा जाय। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि बैंकों में लम्बित आवेदन पत्रों का नवीनीकरण कराकर बुनकरों को ऋण उपलब्ध कराया जाय। इसकी नियमित समीक्षा भी की जाय। डा0 सहगल ने बताया कि प्रधानमंत्री हथकरघा बुनकर मुद्रा योजना भारत सरकार की योजना है। इसके तहत 06 प्रतिशत ब्याज दर पर व्यक्तिगत बुनकर, मास्टर बुनकर तथा हथकरघा उद्यमी को 50 हजार से 05 लाख रुपये तक सस्ता ऋण उपलब्ध कराने की व्यवस्था है। साथ ही प्रोजेक्ट कास्ट का 20 प्रतिशत अधिकत्म 10 हजार रुपये मार्जिन मनी देने का भी प्राविधान है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा पंजाब नेशनल बैंक के सहयोग से हैण्डलूम वीवर्स मुद्रा पोर्टल विकसित किया गया है, जो 01 अपै्रल, 2017 क्रियाशील है। इस पोर्टल के माध्यम से मार्जिन मनी, ब्याज उपादान एवं क्रेडिट गारंटी फीस आदि की सुविधा ऑनलाइन उपलब्ध कराई जा रही है।
शल्य चिकित्सा अनुदान योजना के अन्तर्गत 3.71 करोड़ रूपये मंजूर
प्रदेश सरकार ने प्रदेश के निर्धन एवं असहाय दिव्यांग व्यक्तियों की दिव्यांगता निवारण के लिए शल्य चिकित्सा अनुदान योजना के अन्तर्गत 3.71 करोड़ रूपये मंजूर किये हैं। यह धनराशि शल्य चिकित्सा अनुदान समिति द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार काक्लियर इम्प्लांट एवं करेक्टिव सर्जरी हेतु मंजूर की गयी है। इस सम्बंध में दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग ने आवश्यक आदेश जारी कर दिये हैं। आदेशानुसार कॉक्लियर इम्प्लांट हेतु 360 लाख रूपये तथा करेक्टिव सर्जरी हेतु 11 लाख रूपये मंजूर किये गये हैं। इस धनराशि का व्यय नियमानुसार अनुदान समिति द्वारा लिये जाने वाले निर्णयों के अनुपालन में उसी कार्य/मद हेतु सुसंगत वित्तीय नियमों के अन्तर्गत किया जायेगा एवं इसका आहरण एवं व्यय आवश्यकतानुसार व नियमानुसार किया जायेगा। इस योजना के अन्तर्गत उपभोग की जा रही धनराशि का उपयोगिता प्रमाण-पत्र शासन को उपलब्ध कराने का दायित्व निदेशक, दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, उ0प्र0 का होगा।
जलशक्ति मंत्री प्रयागराज के भ्रमण पर
उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डॉ0 महेन्द्र सिंह आज 26 नवम्बर, 2021 कोे एक दिवसीय भ्रमण कार्यक्रम पर जनपद प्रयागराज प्रस्थान कर रहे हैं। प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार डॉ0 महेन्द्र सिंह आज त्रिवेणीपुरम गेट झूंसी प्रयागराज में उप मुख्यमंत्री डॉ0 दिनेश शर्मा जी के साथ वीरांगना ऊदा देवी पासी के शहादत सम्मान समारोह में शामिल होंगे। इसके उपरान्त अपरान्ह 05:00 बजे जिला पंचायत सभागार मेयो हॉल चौराहा प्रयागराज में मा0 उप मुख्यमंत्री डॉ0 दिनेश शर्मा जी के साथ एक संगोष्ठी में प्रतिभाग करेंगे। इसके उपरान्त सायं 06:00 बजे वाराणसी होते हुए रात्रि 10:00 बजे अष्टभुजा गेस्ट हाउस मिर्जापुर पहुंचकर रात्रि विश्राम करेंगे। कल 27 नवम्बर, 2021 को पूर्वान्ह 11:30 बजे आमीपुर हण्डिया प्रयागराज में सरयू प्रसाद सिंह इण्टर कॉलेज के संस्थापना दिवस समारोह 2021 में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेंगे और कार्यक्रम की समाप्ति के पश्चात देर शाम लखनऊ पहुंचेंगे।
वाराणसी के अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल रमई का निरीक्षण
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी द्वारा गोवंश की सुरक्षा एवं निराश्रित गोवंश को संरक्षण प्रदान किये जाने के दिशा-निर्देशों के क्रम में प्रमुख सचिव, पशुधन, सुधीर गर्ग द्वारा प्रदेश के समस्त जनपदों को निराश्रित गोवंश को संरक्षित करने, समुचित सुरक्षा प्रदान करने, भूसा, चारा की उपलब्धता, पीने हेतु स्वच्छ जल के साथ-साथ बीमार गोवंश की चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। प्रमुख सचिव द्वारा दिये गये निर्देश के क्रम में आज जनपद वाराणसी के मुख्य पशुचिकित्साधिकारी द्वारा अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल रमई पट्टी, विकास खण्ड पिंडरा का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान गोआश्रय स्थल पर संरक्षित 25 गोवंश स्वस्थ पाए गए। गो आश्रय स्थल पर दो मादा गोवंश गर्भित पायी गयीं। गो आश्रय स्थल पर उपलब्ध दुधारू गोवंश को कुपोषित परिवार को दिया जाएगा। गो आश्रय स्थल पर 50 कुन्तल भूंसा, 02 कुन्तल दाना एवं 30 किलोग्राम मिनरल मिक्चर का भण्डारण उपलब्ध था। प्रतिदिन गोवंश के खाने हेतु 01 कुंतल हरे चारे भी उपलब्धता की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है । गोवंश को ठण्ड से बचाव हेतु समुचित व्यवस्था है । आश्रय स्थल के केयर टेकर द्वारा चौकीदार का कार्य भी किया जाता है । स्थल पर खाद बनाने हेतु 03 नाडेप बनाये गए हैं। आश्रय स्थल में बाउंड्रीवाल एवं गेट निर्मित है। गो आश्रय स्थल पर गोवंश का भरण-पोषण आवश्यक व्यवस्थाओं के साथ उचित प्रकार से किया जा रहा है।
गो आधारित जैविक कृषि से रसायनिक खाद मुक्त जैविक उत्पाद सम्भव
उत्तर प्रदेश गोसेवा आयोग के सभागार में आज प्रो0 श्याम नन्दन सिंह, मा0 अध्यक्ष, उ0प्र0 गोसेवा आयोग की अध्यक्षता में गो आधारित जैविक कृषि विषयक बैठक आयोजित की गयी, जिसमें विवेक कुमार सिंह, निदेशक कृषि विभाग उ0प्र0, विनय कौशल, सहायक निदेशक कृषि विभाग उ0प्र0 ने प्रतिभाग किया। निदेशक ने गो आधारित जैविक कृषि के महत्व से अवगत कराते हुए बताया कि किस तरह भूमि की उर्वरता बढ़ायी जा सकती है तथा रासायनिक खाद मुक्त जैविक उत्पाद की प्राप्ति की जा सकती है। उन्होंने कृषि विभाग में चल रही योजनाओं के बारे में बताया जिसमें कृषक जैविक कृषि में सम्मिलित होकर लाभ उठा सकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि ग्रामीण स्तर पर वर्मी कम्पोस्ट के निर्माण सम्बन्धी योजना का व्यापक प्रयोग किया जाता है तो गाय के गोबर को उपयोगी बनाकर उसका उपयोग कृषि के लिए किया जा सकता है तथा रासायनिक खाद पर निर्भरता को भी कम किया जा सकता है। जैविक कृषि को स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम में शामिल किये जाने का भी उन्होंने सुझाव दिया जिससे कि जैविक कृषि के विषय में विशेषज्ञ भी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे और जैविक कृषि के ज्ञान के व्यापक प्रचार प्रसार में भी मदद मिलेगी। प्रो0 श्याम नन्दन सिंह, अध्यक्ष, उप्र गोसेवा आयोग ने बताया कि अधिक से अधिक जैविक खाद का उपयोग किया जाना चाहिए जिससे कि उच्च गुणवत्ता वाले जैविक उत्पादों की फसल तैयार की जा सके। जैविक खाद के निर्माण में मुख्य भूमिका गाय के गोबर की होती है, जिससे गाय के गोबर के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा। अध्यक्ष महोदय ने कहा कि कृषि विभाग से समन्वय कर जैविक कृषि के माध्यम से गोवंश को उपयोगी बनाये जाने के क्रम में सफल प्रयास किये जायेंगे। बैठक में एक सेमिनार आयोजित करने का भी निर्णय लिया गया। बैठक में आयोग के गोसेवा अधिकारी डा0 शिव ओम गंगवार, विशेष कार्याधिकारीगण डा0 प्रतीक सिंह, डा0 नरजीत सिंह, डा0 मुकेश सिंह, अनिल कुमार गुप्ता एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
गन्ना किसानों में खुशी का पैगाम लेकर आई
प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एवं चीनी, संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि वर्तमान पेराई सत्र के देय गन्ना मूल्य का त्वरित भुगतान किये जाने हेतु चीनी मिलों को कड़े निर्देश दिये गये हैं तथा नियमित समीक्षा भी की जा रही है। त्वरित गन्ना मूल्य भुगतान के दृष्टिगत वर्तमान पेराई सत्र 2021-22 के देय गन्ना मूल्य रू.510.20 करोड़ के सापेक्ष रू.553.26 करोड़ का भुगतान गन्ना किसानों को कर दिया गया है। जो देय गन्ना मूल्य से रू.43.06 करोड़ अधिक है। नये पेराई सत्र का आरम्भिक चरण तथा त्योहारी सीजन में त्वरित गन्ना मूल्य भुगतान प्रदेश के गन्ना किसानों के लिए खुशी का पैगाम लेकर आया है। चीनी मिलों के संचालन की स्थिति के विषय में जानकारी देते हुए भूसरेड्डी ने बताया कि वर्तमान पेराई सत्र 2021-22 अन्तर्गत अब तक प्रदेश की 92 चीनी मिलें पेराई कार्य शुरू कर चुकी हैं, जिनमें निगम क्षेत्र की 01, सहकारी क्षेत्र की 17 तथा निजी क्षेत्र की 74 चीनी मिलें शामिल हैं। संचालित चीनी मिलों में निगम क्षेत्र की मोहद्दीनपुर तथा सहकारी क्षेत्र की ननौता, सरसांवा, मोरना, बागपत, रमाला, अनूपशहर, स्नेहरोड़, गजरौला, सेमीखेड़ा, बीसलपुर, पूरनपुर, तिलहर, पुवांया, बदायूं, कायमगंज, बेलरायां एवं नानपारा चीनी मिलें शामिल हैं। निजी क्षेत्र की चीनी मिलों में मोदी समूह की 02, डी.सी.एम. राम समूह की 04, मवाना समूह की 02, राणा समूह की 04, उत्तम समूह की 03, डालमिया समूह की 03, त्रिवेणी समूह की 07, धामपुर समूह की 05, वेव समूह की 04, द्वारिकेश समूह की 03, यदु समूह की 02 मिलों सहित इन सभी समूहों की प्रदेश में स्थित सभी चीनी मिलों तथा एकल समूहों की 13 चीनी मिलों द्वारा पेराई कार्य प्रारम्भ किया जा चुका है। उपरोक्त के अतिरिक्त सिम्भावली समूह की 03 में से 02, बजाज समूह की 14 में से 09, बलरामपुर समूह की 10 में से 05, आई.पी.एल. समूह की 06 में से 03 एवं बिरला समूह की 04 में से 03 चीनी मिलों द्वारा पेराई कार्य शुरू किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त प्रदेश की अन्य 17 चीनी मिलों द्वारा अपना पेराई कार्य शुरू करने की समस्त औपचारिक तैयारी कर गन्ना खरीद हेतु इण्डेंट जारी किया जा चुका है। इन चीनी मिलों का संचालन भी अगले 02 से 03 दिवस में शुरू हो जाएगा। अवशेष 11 चीनी मिलें भी शीघ्र ही संचालित हो जाएगी। गन्ना आयुक्त ने यह भी बताया कि वर्तमान पेराई सत्र 2021-22 हेतु भुगतान करने वाली चीनी मिलों में हरदोई जिले की हरियांवा, लोनी एवं रूपापुर, लखीमपुर की अजबापुर, गुलरिया एवं कुम्भी, बिजनौर की स्यौहारा, धामपुर, बहादुरपुर, बुन्दकी और बरकातपुर, सीतापुर की रामगढ़, हरगांव, जवाहरपुर, मेरठ जिले की मवाना, नंगलामल एवं दौराला, सम्भल की असमौली, पीलीभीत की पीलीभीत, शाहजहांपुर की निगोंही एवं रोजा, मुजफ्फरनगर की मन्सूरपुर एवं टिकौला, बरेली की मीरगंज, फरीदपुर, बदायूॅ की बिसौली एवं मुरादाबाद की बिलारी चीनी मिलें शामिल हैं।
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण)
प्रदेश में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की यात्रा में खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) का स्तर प्राप्त करना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इस पुनीत कार्य के पूरा करने के लिए, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश को लक्षित अवधि से पहले लक्ष्य प्राप्ति का संकल्प लिया। हालांकि यह एक कठिन कार्य था, लेकिन राज्य सरकार द्वारा सामुदायिक सहभागिता को मुख्य अस्त्र के रूप में सम्मिलित करते हुये, सोशल मोबलाइजेशन हेतु स्वच्छाग्रहियों की तैनाती, सामुदायिक व्यवहार परिवर्तन के लिए नियमित सूचना, शिक्षा एवं संचार की गतिविधियां और क्षमता निर्माण पर ध्यान केंद्रित कर प्रदेश के सभी वर्गों को सम्मिलित करते हुये जनान्दोलन तैयार किया गया। प्रदेश के सभी समुदायों ने पूर्ण समर्पण व ईमानदारी से प्रयास किए जिसके परिणामस्वरूप निर्धारित अवधि से एक वर्ष पूर्व अर्थात 02 अक्टूबर 2018 को बेसलाइन सर्वेक्षण के अनुसार लक्षित परिवारों को शौचालय से आच्छादित करते हुये उत्तर प्रदेश को ओडीएफ राज्य की घोषणा की गई। प्रदेश में बेसलाइन के उपरान्त अब तक कुल 2,18,64,876 इज्जत घरों/शौचालयों का निर्माण कराया गया। सभी 75 जिलों को ओडीएफ घोषित किया जा चुका है। ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन हेतु ग्राम पंचायतवार कार्ययोजना का निर्माण किया जा रहा है। अब तक कुल 1000 से अधिक ग्राम पंचायतों की डी0पी0आर0 तैयार की गई है, जिसके सापेक्ष 909 डी0पी0आर0 को अनुमोदन प्रदान किया जा चुका है। इन 909 ग्राम पंचायतों में 813 गंगा किनारे की ग्राम पंचायतों की डी0पी0आर0 सम्मिलित है। कार्यक्रम में महिलाओं की भागीदारी और भागीदारी को बढ़ाने के लिए, लगभग 15,000 महिलाएं स्वच्छग्रही, निगरानी समिति में 5 लाख महिला, 100 से अधिक महिला राजमिस्त्री (रानी मिस्त्री), 100 एसआरजी सदस्यों को कार्यक्रम में सम्मिलित किया गया। राज्य के लगभग 70000 से अधिक स्वच्छाग्रहियों को प्रशिक्षित किया गया। प्रदेश में 02 लाख से अधिक निगरानी समितियों का गठन किया गया जिसमें बच्चों, वयस्कों एवं महिलाओं की अलग-अलग टोलियां बनायी गई, इनका कार्य खुले में शौच को रोकना एवं शौचालय के निर्माण व प्रयोग हेतु प्रोत्साहित करना था। एसबीएम (जी) के विभिन्न हितधारकों जैसे-ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव, स्वच्छाग्रहियों, सफाई कर्मियों, राज्य संसाधन समूह के सदस्यों और अन्य पदाधिकारियों के क्षमता निर्माण के लिए, प्रशिक्षण मॉडयूल विकसित किए गए व उसके अनुरूप प्रशिक्षित भी किये गये। राज्य स्तर पर सुजल और स्वच्छ गाँव (एसएसजी) पर प्रशिक्षण आयोजित किए गए। मार्च 2020 तक, कुल 6647 मिशन से जुड़े कर्मियों और 6937 शिक्षकों को सुरक्षित पेयजल, एसएलडब्ल्यूएम, जल संरक्षण, शौचालय निर्माण और इसके उपयोग पर ध्यान देने के लिए प्रशिक्षित किया गया। लो कास्ट सैनेटरी नैपकीन उत्पादन गतिविधि अन्तर्गत लगभग एक करोड़ सामान्य सैनेटरी पैड एवं 50 लाख मैटेरनिटी नैपकीन का उत्पादन किया गया हैं जिसका विपणन मांग के आधार पर विभिन्न विभागों यथा, स्वास्थ्य, शिक्षा, आई0सी0डी0एस0, कारागार एवं कुछ जनपदों द्वारा प्राइवेट मार्केट में किया जा चुका है। संचालित उत्पादन इकाई में लगभग 1000 महिलायें कार्यरत हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक व्यक्ति को शौचालय की सुलभता के उद्देश्य से समस्त ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया गया। निर्मित सामुदायिक शौचालयों के रख-रखाव एवं रोजगार सृजन के दृष्टिगत अब तक 48565, स्वयं सहायता समूह (एनआरएलएम अन्तर्गत गठित) को हस्तान्तरित किया गया। इस हेतु शासनादेश द्वारा निर्धारित व्यवस्था के अनुसार रु0 9000 प्रतिमाह की दर से कुल रु0 136 करोड़ से अधिक उनके खाते में हस्तान्तरित किये जा चुके हैं। सामुदायिक शौचालयों के निर्माण में अब तक लगभग 2300 करोड़ का व्यय किया गया है एवं कुल 1.21 करोड़ से अधिक मानव दिवस का सृजन ग्रामीण क्षेत्रों के राजगीरों एवं श्रमिकों को रोजगार दिया गया है। प्रदेश के नव निर्वाचित समस्त प्रधानों का उन्मुखीकरण कराया जा चुका है। कोविड-19 के दृष्टिगत राज्य के लगभग 15,000 स्वच्छाग्रहियों को ग्राम में जन जागरूकता हेतु आनलाइन प्रशिक्षण दिया गया। ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबन्धन के दृष्टिगत ग्राम पंचायतों का चयन एवं साथ ही साथ प्रबन्धन की गतिविधियां संचालित की गई है। प्रदेश में सिंगल यूज प्लास्टिक से ग्रामों को मुक्त बनाने के लिए एक अभियान भी शुरू किया गया है।