By अभिनय आकाश | Jun 14, 2022
झारखंड में रांची में हुई हिंसा को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस को वासेपुर गैंग नाम के ऐसे व्हाट्सएप ग्रुप की जानकारी मिली है, जो 9-10 जून की घटना के पीछे एक सोची-समझी साजिश का सबूत है। लिहाजा यहां पुलिस अभी कोई कोताही नहीं बरत रही। क्योंकि उसे अब भी किसी बड़ी गड़बड़ी की आशंका है। वासेपुर गैंग नामक ग्रुप में घटना के दिन को लेकर सारी जानकारी साझा की गई थी। पुलिस की तरफ से ग्रुप के एडमिन का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। रांची के कर्बला इलाके में भारी पुलिस बल को तैनात किया गया है।
पुलिस भी गड़बड़ी फैलाने वालों पर सख्त नजर रखे हुए है। 10 जून का वो दिन था जिस दिन रांची में हिंसा हुई थी। जमकर उपद्रव हुआ, कई जगह से पथराव हुआ, कई जगह से गोलियां चलाई गई थी। उसके बाद यहां पर सुरक्षा के पुख्ता इंतेजाम किए गए। आरएएफ और अतिरिक्त बल को यहां पर तैनात किया गया। अब कार्रवाई होनी शुरू हो गई है। सीसीटीवी मॉन्ट्रिंग रूम के जरिये लोगों को चिन्हित किया जा रहा है। कई लोगों के नाम एफआईआर दर्ज की गई और गिरफ्तारियों का सिलसिला भी शुरू हो चुका है।
रांची में अब पुलिस हर कड़ी को जोर रही है। एफएलसी की टीम ने बिजली के खंभे में धंसे एक गोली को बाहर निकाला। पुलिस जांच कर रही है कि गोली किसकी है? पुलिस की या फिर पुलिस को निशाना बनाने वालों की। जांच के दौरान ही पुलिस को एक ऐसे व्हाट्सएफ ग्रुप के बारे में पता चला है जिसके जरिये जुमे को साजिशकर्ताओं ने चक्रव्यूह का निर्माण किया था। पता चला है कि हिंसा से पहले वासेपुर गैंग नाम से एक व्हाट्सएफ ग्रुप बना था। जिससे भीड़ जुटाने की साजिश रची गई। ग्रुप में शनिवार के दिन क्या करना है, कैसे करना है इसकी जानकारी साझा की गई।