कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई ने राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिए जाने को शुक्रवार को लोकतंत्र की हत्या करार दिया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चुनौती दी कि वह अरबपति गौतम अडाणी की कंपनियों पर लगे आरोपों की जांच कराएं। गुजरात की एक अदालत ने मानहानि के मामले में 23 मार्च को गांधी को दो साल की जेल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया गया था। कांग्रेस ने राहुल गांधी को अयोग्य करार दिए जाने और अडाणी के मामले में केंद्र सरकार की चुप्पी की निंदा करने के लिए राज्य के विभिन्न हिस्सों में संवाददाता सम्मेलन आयोजित किए।
वित्तीय मामलों की पड़ताल करने वाली अमेरिका की एक निजी कंपनी ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ ने अडाणी की कंपनियों पर स्टॉक में हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। अडाणी समूह ने इन आरोपों का खंडन किया है। ठाणे में पत्रकारों से बात करते हुए, कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख नाना पटोले ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले नौ वर्षों में केवल अपने मित्रों के लिए काम किया है और जनता के पैसे को उनकी जेब में डालने में मदद की है। पटोले ने आरोप लगाया कि सभी सरकारी ठेके और सार्वजनिक उपक्रम अडाणी के हवाले कर दिए गए हैं।
पटोले ने कहा कि गांधी को मोदी के खिलाफ आवाज उठाने और केंद्र सरकारके गलत कार्यों पर सवाल उठाने के लिए अयोग्य ठहराया गया है। अहमदनगर में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने कहा कि राजनीतिक प्रतिशोध के कारण गांधी के खिलाफ कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा कि देश “लोकतंत्र के अंत” की ओर बढ़ रहा है।
परभणि में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के नौ साल के शासन में लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता खतरे में है। उन्होंने कहा, “हम भाजपा की दादागीरी का करारा जवाब देंगे।” पुणे में पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि विपक्षी दलों का कर्तव्य है कि वे सरकार से सवाल पूछें लेकिन कांग्रेस नेताओं को संसद में ऐसा करने की अनुमति नहीं दी जा रही है।