केरल में विपक्षी दल कांग्रेस ने नये संसद भवन के उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर रविवार को जमकर निशाना साधा और इसे भारतीय लोकतंत्र के लिए काला दिन बताया। सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने केंद्र सरकार पर समानांतर इतिहास गढ़ने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित नहीं करने के लिए केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि यह आरएसएस के ऊंची जाति वाले सांप्रदायिक फासीवादी रुख को दर्शाता है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव (संगठन के प्रभारी) के सी वेणुगोपाल ने कन्नूर में मीडिया से कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को समारोह में आमंत्रित नहीं करने पर स्पष्टीकरण देने में असमर्थ है। उन्होंने कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र के लिए काला दिन है। कांग्रेस नेता ने कहा, “भाजपा पीआर (जन संपर्क) के उद्देश्यों के लिए हमारी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का उपयोग कर रही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत के पहले नागरिक को टेलीविजन के माध्यम से देश की नयी संसद का उद्घाटन देखना पड़ा।
वेणुगोपाल ने कहा, “आरएसएस के ऊंची जाति वाले सांप्रदायिक फासीवादी रुख के परिणामस्वरूप पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को शिलान्यास समारोह के दौरान और मुर्मू को नये संसद भवन के उद्घाटन के समय नजरअंदाज किया गया।” कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि मोदी को यह समझना चाहिए कि वह संसद भवन का उद्घाटन कर रहे हैं ना कि भाजपा के पार्टी कार्यालय का। केरल सरकार में मंत्री और माकपा नेता एमबी राजेश ने कहा कि भाजपा ने महात्मा गांधी हत्याकांड के आरोपी सावरकर की तस्वीर संसद में रखकर भारत के इतिहास में जगह बनाने की कोशिश की, लेकिन असफल रही।
राजेश ने फेसबुक पर लिखे पोस्ट में कहा, “ उन्होंने (भाजपा) देश की विरासत में जगह पाने के लिए इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने की कोशिश की। वह भी काम नहीं आया। अब उन्होंने (नए संसद भवन का उद्घाटन कर) समानांतर इतिहास गढ़ने का फैसला किया।” दिल्ली में प्रदर्शनकारी पहलवानों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की आलोचना करते हुए माकपा ने ट्विटर पर कहा कि मोदी सरकार ने आज नये संसद भवन का उद्घाटन किया है लेकिन सड़कों पर इसकी पुलिस ने दिखा दिया कि वह वास्तव में लोकतंत्र के बारे में क्या सोचती है।