By अनन्या मिश्रा | Oct 25, 2023
मिजोरम में सभी 40 विधानसभा सीटों पर आगामी 7 नवंबर को मतदान होने हैं। वहीं 3 दिसंबर को चुनाव परिणाम घोषित किए जाएंगे। राज्य में चुनाव तारीखों का ऐलान होने ही कभी राजनीतिक दल पूरी तैयारियों के साथ चुनावी रण में उतर चुके हैं। बता दें कि इस 40 विधानसभा सीटों वाले राज्य में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने के लिए 21 सीटें चाहिए। ऐसे में बीजेपी, कांग्रेस और राज्य की पार्टी MNF पूरी जोर-आजमाइश कर रहे हैं।
कांग्रेस के लिए अहम हैं ये चुनाव
हांलाकि कांग्रेस इस बार मिजोरम को किसी भी हालत में फतह करना चाहती है। क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव में प्रदेश की सत्ता गंवाने के फौरन बाद ही पार्टी के पास से पूर्वोत्तर भारत का अंतिम किला भी चला गया था। वहीं इस बार मिजोरम में उस समय चुनाव हो रहे हैं, जब मिजोरम का पड़ोसी राज्य मणिपुर जातीय हिंसा की आग में काफी समय से जल रहा है। ऐसे में कांग्रेस इसी मुद्दे को भुनाकर सत्ता पर काबिज होना चाहती है।
कभी कांग्रेस का गढ़ था मिजोरम
हांलाकि इस मुद्दे से कांग्रेस पार्टी को कितना फाय़दा होगा, यह तो समय ही बताएगा। लेकिन कांग्रेस इस बार कोई भी गलती नहीं करना चाहती है। ऐसे में पूर्वोत्तर में कथित अशांति को मुद्दा बना कर कांग्रेस मिजोरम में सत्ता हासिल करना चाहती है। आपको बता दें कि मिजोरम राज्य के गठन के बाद से जहां MNF 3 बार सत्ता में रही है, तो वहीं कांग्रेस ने 4 बार राज्य की सत्ता हासिल की थी। इसी वजह से मिजोरम को कांग्रेस का अभेद्य किला माना जाता था। जिसे MNF पार्टी ने भेदने का काम किया था। साल 2008 और 2013 में कांग्रेस ने राज्य में बड़ी जीत हासिल की थी।