By अनुराग गुप्ता | Jun 30, 2022
मुंबई। महाराष्ट्र में तकरीबन 10 दिन तक चले सियासी ड्रामे का अंत एकनाथ शिंदे की ताजपोशी के साथ हो गया। इस दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसी बीच शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे का बयान सामने आया। जिसमें उन्होंने बागियों पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) कठिन समय में हमारे साथ रही जबकि हमारे अपनो ने हमें दगा दिया।
अंग्रेजी न्यूज चैनल 'एनडीटीवी' के साथ बातचीत में आदित्य ठाकरे ने कहा कि मेरे पिता सत्ता के भूखे नहीं हैं, वे वर्षा (मुख्यमंत्री आवास) से बाहर चले गए, जैसे ही बागियों ने झंडा उठाया था। युवा सेना अध्यक्ष आदित्य ठाकरे ने कहा कि वह गरिमापूर्ण, शालीन, स्वच्छ और अपने शब्दों के प्रति वफादार हैं। उन्होंने कहा कि हमें कुछ लोगों की महत्वाकांक्षाओं के बारे में एक विचार था और इस नाटक के शुरू होने से ठीक एक महीने पहले, उन्हें वे पद भी दिए गए थे जो वे चाहते थे। शिवसेना के बागी खेमे के नेता एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और इसी के साथ प्रदेश में नई सरकार का गठन हुआ।
अपनों से धोखा मिलने पर दुख जताते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा कि देशद्रोहियों ने उस स्थिति का फायदा उठाया जब मुख्यमंत्री एक सर्जरी से बाहर और आइसोलेशन में थे।
कठिन समय में साथ थी कांग्रेस-एनसीपी
महाविकास गठबंधन के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह वास्तव में लोकतांत्रिक कामकाज का प्रतिनिधित्व करता है, जहां पार्टियां विकास प्रदान करने के एकमात्र उद्देश्य के साथ, अपने वैचारिक मतभेदों को अलग रखते हुए एक साथ आईं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस-एनसीपी इस कठिन समय में हमारे साथ खड़ी हैं। कांग्रेस नेताओं ने हमसे मुलाकात की और पूरी तरह से प्रतिबद्धता जताई, इस कठिन समय में जब हमारे साथ विश्वासघात किया गया है तो वे हमारे साथ खड़े रहेंगे।
भाजपा के साथ संभावित भविष्य के गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर आदित्य ठाकरे ने कहा कि वे अभी उन लोगों के साथ गठबंधन कर रहे हैं जिन्होंने हमें धोखा दिया। वहीं उन्होंने हिंदुत्व की मूल विचारधारा से हटने से जुड़े सवाल पर कहा कि हिंदुत्व का उनका विचार बालासाहेब ठाकरे या पार्टी अध्यक्ष के विचार से बहुत अलग है।
आदित्य ठाकरे ने कहा कि मेरे पिता, मेरे दादा जी और उनके पिता हमेशा इस बात को मानते थे कि सत्ता और पैसा, आता जाता रहता है। इन पर किसी का कंट्रोल नहीं होता, लेकिन प्रतिष्ठा और सम्मान कभी नहीं जानी चाहिए। हम राजनीति में सिर्फ सेवा करने के लिए आए हैं।
टूटने वालों में असंतोष पर आदित्य ठाकरे ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सफलताओं का श्रेय अपने हर सहयोगी को दिया है। जिस शख्स ने बगावत शुरू की, उसे ऐसा विभाग दिया गया, जो पिछले 33 सालों में किसी मुख्यमंत्री ने नहीं छोड़ा।