By विजयेन्दर शर्मा | Feb 23, 2022
शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र आज कोरोना प्रोटोकाल व कडी सुरक्षा के बीच राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के अभिभाषण के साथ शुरू हो गया। उन्होंने सरकार के कामकाज की सराहना की। व दावा किया कि सरकार की नितियों व कार्यक्रमों से प्रदेश के विकास को नई दिशा मिली है।
राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में कहा कि राज्य सरकार ने कोविड की विकट परिस्थितियों से निपटते हुए बेहतरीन कार्य किए हैं। राज्य में वेंटीलेटर, आईसीयू बेड और ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर को पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करवाया गया। सेवा और सिद्धि के चार साल समृद्धि के रहे।
उन्होंने कहा कि हिमाचल ने प्राकृतिक खेती को अपनाया। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्रदेश सरकार की कार्यशैली की सराहना की । लेकिन दूसरी ओर राज्यपाल के अभिभाषण के बीच कांग्रेस विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। कांग्रेस विधायकों ने नारेबाजी करते हुए सदन से वाकआउट कर लिया। करीब 40 मिनट तक कांग्रेस विधायकों राज्यपाल का अभिभाषण सुना और फिर बीच में ही नारेबाजी शुरू कर दी। हालांकि माकपा विधायक राकेश सिंघा सदन में बैठे रहे। वह कांग्रेस विधायक दल के साथ बाहर नहीं गए।
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने वाकआउट पर कहा कि विपक्ष राज्यपाल का सम्मान करता है परंतु इस दस्तावेज में शामिल तथ्यों से हम सहमत नहीं हैं। इस कारण से विपक्ष ने राज्यपाल के अभिभाषण का विरोध कर वाकआउट किया है। किसानों, बागवानों और बेरोजगारों के लिए कुछ नहीं किया। लोगों के घरों में नल लगाए जा रहे हैं और नलों में जल नहीं आ रहा।
बताया जा रहा है कि राज्यपाल के अभिभाषण के बाद भाजपा और कांग्रेस विधायक दल अगले दिन की रणनीति बनाएंगे। मंत्री और विधायक मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के चैंबर में चर्चा करेंगे। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में कांग्रेस विधायक भी विपक्ष की लॉन्ज में बैठक करेंगे। आज प्रश्नकाल नहीं होगा। राज्यपाल के अभिभाषण के बाद आज की कार्यवाही संपन्न हो जाएगी।
यह 13वीं विधानसभा का 14वां सत्र है, जबकि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर 4 मार्च को अपने कार्यकाल का पांचवां बजट पेश करेंगे। चुनावी साल के चलते बजट सत्र हंगामेदार रहने के आसार हैं।
वहीं, माकपा विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपनी नाकामियां छिपाने के लिए बजट सत्र के दिन कम कर दिए हैं। बजट सत्र की अवधि को मात्र 16 दिन के लिए सीमित कर दिया है। यह लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है। उन्होंने कहा कि इस मामले को उन्होंने सर्वदलीय बैठक में जोरदार तरीके से उठाया है। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बजट सत्र के दिन बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री से चर्चा करने का आश्वासन दिया है। सिंघा ने कहा कि सदन के भीतर लोगों की समस्याओं को जोरदार तरीके से उठाया जाएगा। करुणामूलक संघ की मांगों को लेकर सरकार गंभीर नहीं है। कोरोना संकट के समय 102, 108 एंबुलेंस कर्मियों ने सराहनीय कार्य किया है। अब इन्हें नौकरी से निकाल दिया गया है। निजी स्कूलों की फीस तय नहीं हो सकी है। निजी विश्वविद्यालय फर्जी डिग्रियों का केंद्र बन गया है। सरकार ने समाज के कई वर्गों को आश्वासन दिए हैं, जो अभी तक पूरे नहीं हुए हैं। ऐसे में ये सभी वर्ग बजट सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव करते नजर आएंगे।