By अनुराग गुप्ता | Jul 06, 2021
नयी दिल्ली। नेतृत्व संकट से जूझ रही कांग्रेस आने वाले दिनों में कुछ बड़े बदलाव कर सकती है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि कांग्रेस जल्द ही पूर्णकालिक अध्यक्ष की नियुक्ति करेगी। लेकिन अध्यक्ष कौन बनेगा इसको लेकर अभी भी संशय बरकरार है। हाल ही में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी को पद से हटाए जाने के विषय पर चर्चा हो रही थी। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक अधीर रंजन चौधरी की जगह पर पार्टी राहुल गांधी, मनीष तिवारी, शशि थरूर में से किसी को अहम जिम्मेदारी दे सकती है। फिलहाल सबसे अहम मुद्दा पूर्णकालिक अध्यक्ष की नियुक्ति का है।
राहुल गांधी के नेतृत्व लड़े गए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद उन्होंने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था और फिर गांधी परिवार के बाहर का अध्यक्ष चुने जाने को लेकर चर्चा छिड़ गई थी। कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में खूब मंथन हुआ और अंतत: पार्टी की जिम्मेदारी सोनिया गांधी को सौंप दी गई। उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया। हालांकि पूर्णकालिक अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए तीन फॉर्मूले सामने आए हैं। जिन पर जल्द ही अमल किया जा सकता है।
पहला फॉर्मूला:-
कांग्रेस का एक तबका राहुल गांधी को फिर से कांग्रेस अध्यक्ष बनता हुआ देखना चाहता है। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में मिली हार की जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने खुद अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक राहुल गांधी अपने स्टैंड पर क्लियर हैं। उन्होंने पहले ही स्पष्ट किया था कि वह पार्टी के लिए पूरी तरह से सक्रिय होकर काम करना चाहते हैं लेकिन अध्यक्ष पद लेने को तैयार नहीं हैं।
इसके बावजूद अगर राहुल गांधी पर दबाव बनाया जाता है और वह अध्यक्ष पद स्वीकार करते हैं तो पुराने के साथ-साथ नए लोगों की एक टीम तैयार की जाएगी। इसमें सोनिया गांधी का अनुभव और राहुल गांधी का हौसला दोनों ही मौजूद रहेगा। हालांकि पिछली बार अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद राहुल गांधी के करीबियों की स्थिति काफी खराब हो गई। उन्हें नजरअंदाज किया जाने लगा। जिसका परिणाम यह निकला कि अशोक तंवर, जितिन प्रसाद जैसे नेताओं ने पार्टी का साथ छोड़ दिया।
दूसरा फॉर्मूला:
कांग्रेस गांधी परिवार के बाहर का अध्यक्ष नियुक्त कर सकती है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक राहुल गांधी अभी भी गांधी परिवार के बाहर के अध्यक्ष को लेकर अड़े हुए हैं। ऐसे में किसी अन्य को पार्टी की कमान संभालने का मौका मिल सकता है। कहा जा रहा है कि मोदी सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस लोकसभा में अधीर रंजन चौधरी की जगह राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष बना सकती है। ऐसे में कमलनाथ जैसे वरिष्ठ नेताओं के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने का रास्ता साफ हो जाएगा। गांधी परिवार के साथ कमलनाथ के रिश्ते काफी अच्छे हैं और 23 असंतुष्ट नेताओं को भी मनाने में वह सफल हो सकते हैं।
तीसरा फॉर्मूला:
कांग्रेस के पास आखिरी विकल्प सोनिया गांधी को लोकसभा चुनाव 2024 तक के लिए पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाने का भी है। पार्टी के आला नेता सोनिया गांधी से अध्यक्ष बने रहने का अनुरोध कर सकते हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि सोनिया गांधी अभी भी साल 2004 की तरह कांग्रेस को एकजुट कर सकती हैं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रियंका गांधी भी मां को पूर्णकालिक अध्यक्ष के तौर पर देखना चाहती हैं और उन्हें इसके लिए स्वीकृति भी दे दी है। ऐसे में अगर सोनिया गांधी अध्यक्ष बनती हैं तो उन्हें राजनीतिक सलाहकार की आवश्यकता होती। अहमद पटेल के निधन के बाद इस पद पर कमलनाथ की नियुक्ति की संभावनाएं जताई जा रही है। लेकिन एक सवाल अभी भी खड़ा होता है कि क्या सोनिया गांधी का स्वास्थ्य उन्हें पूर्णकालिक अध्यक्ष बने रहने की अनुमति देगा ?