By अनुराग गुप्ता | Jun 14, 2022
नयी दिल्ली। साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष एकबार फिर से मोर्चाबंदी करने में जुटा हुआ है लेकिन इसके सामने कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस की तकरार एक बड़ी समस्या के रूप में उभरी है। हालांकि कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि बुधवार की दोपहर 3 बजे कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी की बैठक में पार्टी नेता उपस्थित रहेंगे।
ममता बनर्जी ने 14 जून दिन बुधवार को विपक्षी दलों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर चर्चा होने की संभावना है। दरअसल, चुनाव आयोग द्वारा राष्ट्रपति चुनाव का ऐलान किए जाने के साथ ही ग्रैंड ओल्ड पार्टी एक्टिव हो गई थी। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्षा सोनिया गांधी के निर्देश पर पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने ममता बनर्जी, माकपा के सीताराम येचुरी और एनसीपी प्रमुख शरद पवार पर फोन पर बातचीत की थी।
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर कांग्रेस खुद को अगुआ की भूमिका में देखती है लेकिन ममता बनर्जी द्वारा बैठक बुलाए जाने के बाद समीकरण बदल सकते हैं। हालांकि विपक्षी पार्टियों का उद्देश्य एक ही है लेकिन इनकी राहें अलग-अलग हैं। राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी एकजुटता अगर दिखाई देती है तो आगामी लोकसभा चुनाव में अलग तरह के समीकरण देखने को मिल सकते हैं लेकिन ऐसा होता कम ही प्रतीत हो रहा है। क्योंकि आम आदमी पार्टी एकला चलो की राह पर है। तृणमूल कांग्रेस के भीतर नेतृत्व की चाह है, जबकि टीआरएस एक अलग ही मोर्चा तैयार करने में जुटा है और बचे हुए दलों को लगता है कांग्रेस के बिना तीसरा मोर्चा तैयार नहीं हो सकता है।
ऐसी स्थिति के बीच में विपक्षी दलों का राष्ट्रपति चुनाव को लेकर एकजुट होना बेहद जरूरी है। कांग्रेस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस बुधवार की दोपहर 3 बजे कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में ममता बनर्जी द्वारा बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में हिस्सा लेगी। इस बैठक में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, जयराम रमेश, रणदीप सिंह सुरजेवाला शामिल होंगे।
ED की कार्रवाई को लेकर INC-TMC में तकरार
तृणमूल कांग्रेस ने राहुल गांधी और सोनिया गांधी पर ईडी की कार्रवाई को लेकर कांग्रेस से परहेज करने करना आह्वान करने को कहा। इस दौरान तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि कानून को अपना काम करते रहना चाहिए। पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि कांग्रेस नेता अधीर चौधरी ने भी इसी तरह का रुख अपनाया था, जब सांसद अभिषेक बनर्जी से कोयला चोरी के मामले की जांच के तहत केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने पूछताछ की थी।