By अभिनय आकाश | Apr 04, 2022
विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद अब राज्यसभा में भी कांग्रेस के लिए संकट की स्थिति खड़ी हो गई है। आने वाले राज्यसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के उपरी सदन में नंबर काफी कम हो जाएंगे। लेकिन पार्टी के लिए अधिक चिंता का विषय इसके भौगोलिक पदचिह्न का सिकुड़ना है।अब कांग्रेस का राज्यसभा में 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से प्रतिनिधित्व नहीं होगा। मार्च के अंत तक राज्यसभा में कांग्रेस की संख्या 33 थी। जबकि चार सदस्य पहले ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं, जून और जुलाई में नौ और सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो जाएगा।
17 राज्यों से कोई प्रतिनिधित्व नहीं
चुनावों के बाद कांग्रेस सदस्यों की संख्या घटकर 30 हो जाएगी, जो राज्यसभा में अब तक का सबसे न्यूनतम प्रदर्शन है। लेकिन पार्टी के पास उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, पंजाब, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, ओडिशा, दिल्ली और गोवा से राज्यसभा का प्रतिनिधित्व नहीं होगा। पहली बार, पूर्वोत्तर के आठ राज्यों से भी इसका कोई प्रतिनिधित्व नहीं होगा। पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह 2019 में राजस्थान जाने तक असम से सांसद रहे थे।
लोकसभा में भी स्थिति बेहद खराब
द्विवार्षिक चुनावों के बाद कांग्रेस के पास जो 30 या 31 सीटें होंगी, उनमें से सबसे अधिक पार्टी शासित राज्यों राजस्थान और छत्तीसगढ़ और कर्नाटक से होंगी, जहां भाजपा सत्ता में है। पार्टी में राजस्थान और कर्नाटक से 5-5, छत्तीसगढ़ से 4, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात से 3-3 और पश्चिम बंगाल और हरियाणा से दो-दो सदस्य होंगे। इसमें बिहार, केरल और झारखंड से एक-एक सदस्य होंगे। लोकसभा में भी कुछ ऐसा ही हाल है। कांग्रेस का हरियाणा, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा सहित राज्यों से कोई लोकसभा प्रतिनिधित्व नहीं है। इसके कुल 53 निचले सदन सदस्यों में से 28 दक्षिण भारत से हैं। केरल से 15, तमिलनाडु से आठ, तेलंगाना से तीन और कर्नाटक और पुडुचेरी से एक-एक हैं। उत्तर भारत में, केवल पंजाब ने सदन में 8 सदस्यों को संसद भेजा है।
कांग्रेस का गिरता ग्राफ
प्रधानमंत्री राजीव गांधी सरकार के दौरान वर्ष 1988 में आखिरी बार राज्यसभा में कांग्रेस के 100 से ज्यादा सांसद थे। तब संसद में बीजेपी की ताकत सिर्फ दो लोकसभा सांसदों की थी, लेकिन अभी उसके 303 लोकसभा सदस्य हैं। 2012-13 में कांग्रेस को 72 सांसद थे जबकि 2022 में ये आंकड़ा 29 हो गया। बहरहाल, 245 सदस्यों वाली राज्यसभा में 123 की मेजॉरिटी है और बीजेपी नेतृत्व का एनडीए अब सभी साधारण विधेयकों को बिना कठिनाई के पास करवाने में सक्षम हो गया है। बीजेपी के गठबंधन साथी जेडीयू के राज्यसभा में चार सांसद हैं। वहीं, पांच सांसदों वाली एएआईडीएमके और नौ सदस्यों वाली बीजेडी भी मुद्दों पर आधारित समर्थन देती रही है।