लखनऊ। 2017 के विधान सभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन का प्रयोग फेल हो जाने के बाद अबकी से कांगे्रस ने उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव अकेले ही लड़ने का मन बना लिया है। इसी के साथ कांग्रेस ने आगामी विधान सभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों के चयन की तैयारी भी शुरू कर दी है। प्रथम चरण में कांगे्रस ने करीब पचास सीटों के लिए उम्मीदवार तय कर दिए हैं जबकि करीब 50 सीटों के लिए दो से तीन नाम तय किए हैं। इन्हीं में से किसी एक को टिकट दिया जाएगा। कई विधान सभा सीटों पर एक से अधिक दावदारों को क्षेत्र में जाकर तैयारी करने के लिए कहा गया है। इन सबकी कांगे्रस आलाकमान तीन महीने तक समी़क्षा करेगा,इसके बाद टिकट जो दावेदार खरा उतरेंगे, उनका टिकट फाइनल कर दिया जाएगा। हालांकि करीब 50 सीटों पर एक-एक नेता को हरी झंडी दी गई है।
कांग्रेस ने प्रदेश नेतृत्व ने प्रत्येक विस सीट के लिए जिला व महानगर इकाइयों से तीन दावेदारों का पैनल मांगा था। पूर्वांचल के आजमगढ़, मिर्जापुर, वाराणसी, बस्ती और गोरखपुर आदि मंडलां की सीटों पर दावेदारों के पैनल मिल चुके हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, इनमें से 142 दावदारों से प्रदेश नेतृत्व वार्ता कर चुका है। हाईकमान को भी इसकी जानकारी दे दी गई है कि जो दावेदार तीन व महीने के भीतर क्षेत्र में अपनी गतिविधियों से दमदार उपस्थिति दर्ज कराएगा, उसका टिकट फाइनल होगा।
इसके लिए तय अविध में स्थानीय मुद्दों पर जनांदोलन, बैठकें, गोष्ठियां और सचिव स्तर पर के पदाधिकारियों के क्षेत्र में कार्यक्रम के आधार पर मूल्यांकन होगा। उधर, पार्टी के कुछ पदाधिकारियों का यह भी कहना है कि यह प्रक्रिया कहीं पार्टी के लिए उलटी न पड़ जाए।