By अंकित सिंह | Dec 25, 2024
पीएम नरेंद्र मोदी ने खजुराहो में केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना और अन्य विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी। अपने संबोधन की शुरूआत में मोदी ने कहा कि आज पूरे विश्व में क्रिसमस की धूम है। मैं देश और दुनिया भर में उपस्थित ईसाई समुदाय को क्रिसमस की ढेर सारी बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि मोहन यादव जी के नेतृत्व में बनी भाजपा सरकार का एक साल पूरा हुआ है। मध्य प्रदेश के लोगों को, भाजपा के कार्यकर्ताओं को मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं। इस एक वर्ष में मध्य प्रदेश में विकास को नई गति मिली है। आज भी यहां हजारों करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की शुरूआत हुई है।
मोदी ने कहा कि आज ऐतिहासिक केन बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास भी हुआ है। ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्लांट का भी लोकार्पण हुआ है और ये मध्य प्रदेश का पहला फ्लोटिंग सोलर प्लांट है। मैं इन परियोजनाओं के लिए मध्य प्रदेश को ढेर सारी बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि आज श्रद्धेय अटल जी की जन्मजयंती है। आज भारत रत्न अटल जी के जन्म के सौ साल हो रहे हैं। अटल जी की जयंती का ये पर्व, सुशासन की हमारी प्रेरणा का भी पर्व है।
विपक्ष पर वार करते हुए उन्होंने कहा कि अतीत में कांग्रेस सरकारें, घोषणाएं करने में माहिर हुआ करती थीं। घोषणाएं करना, फीता काटना, दीया जलाना, अखबार में तस्वीर छपवा देना... उनका (कांग्रेस) काम वहीं पूरा हो जाता था और उसका फायदा लोगों को नहीं मिल पाता था। मोदी ने साफ तौर पर कहा कि सुशासन का मलतब भी यही है कि अपने ही हक के लिए नागरिकों को सरकार के सामने हाथ न फैलाना पड़े, सरकारी दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़ें। यही तो शत प्रतिशत लाभार्थी को शत प्रतिशत लाभ से जोड़ने की हमारी नीति है।
पीएम ने कहा कि जहां सुशासन होता है, वहां न केवल मौजूदा चुनौतियों, बल्कि वैश्विक चुनौतियों से भी निपटने के प्रयास किये जाते हैं। हालाँकि, दुर्भाग्य से, हमारे देश में लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी का शासन रहा। उन्होंन तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी में सत्ता की हकदारी की भावना है, वह 'राज' को अपना 'जन्मसिद्ध अधिकार' मानती है, लेकिन जब शासन की बात आती है, तो उसका ट्रैक रिकॉर्ड शर्मनाक है। वास्तव में, कांग्रेस शासन और सुशासन परस्पर अनन्य हैं!
नरेंद्र मोदी ने कहा कि दशकों तक, मध्य प्रदेश के किसानों, माताओं और बहनों ने बूंद बूंद पानी के लिए संघर्ष किया। क्योंकि कांग्रेस ने कभी जल संकट के स्थाई समाधान के लिए सोचा ही नहीं। उन्होंने कहा कि आज सात दशक बाद भी देश के अनेक राज्यों के बीच पानी को लेकर कुछ न कुछ विवाद है। जब पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक, कांग्रेस का राज था, तब ये विवाद आसानी से सुलझ सकते थे। लेकिन कांग्रेस की नीयत खराब थी इसलिए उसने कभी भी ठोस प्रयास नहीं किए।