By अनुराग गुप्ता | May 31, 2022
नयी दिल्ली। राज्यसभा उम्मीदवारों को लेकर कांग्रेस में रार देखने को मिल रही है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा के बाद प्रमोद कृष्णम ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को शिकायत है। राज्यसभा हमारे लोकतंत्र का मंदिर है, इसलिए वहां बुद्धिजीवी और अनुभवी लोगों को भेजा जाता है, जो देश के लिए काम करते हैं और पार्टी को मजबूत करते हैं। लेकिन फैसले परेशान कर रहे हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम ने राज्यसभा उम्मीदवारों को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि पार्टी सांसद मनीष तिवारी समेत कई अन्य कांग्रेस नेताओं ने अपना असंतोष व्यक्त किया। लेकिन अब फैसला हो गया है... गुलाम नबी आजाद, तारिक अनवर, सलमान खुर्शीद, राशिद अल्वी जैसे नेता स्थापित और चर्चित हैं, उनका सम्मान किया जाना चाहिए था।
क्या कांग्रेस के साथ खड़े हैं प्रमोद कृष्णम ?
इसी बीच प्रमोद कृष्णम ने कहा कि मैं राज्यसभा उम्मीदवार की रेस में नहीं था। क्योंकि मुझे पता है कि कांग्रेस पार्टी में कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें हिंदू और धर्म शब्द से नफरत है। तो जब हिंदू नाम के शब्द से नफरत है तो फिर किसी हिंदू धर्मगुरू को राज्यसभा में कैसे भेजा जा सकता है ? यह मैं अच्छी तरह से जानता हूं। लेकिन मैं कल भी कांग्रेस के साथ खड़ा था और आज भी खड़ा हूं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है जिसके लिए महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी कुर्बान हुए हैं। इन लोगों ने लहू का बलिदान देकर के इस पार्टी को सींचा और खड़ा किया है। कांग्रेस अगर खत्म होती है या फिर कमजोर होती है तो देश का लोकतंत्र खत्म हो जाएगा। इसलिए मैं आज भी कांग्रेस के साथ खड़ा हूं। सवाल मेरे राज्यसभा का नहीं है।
राहुल के खिलाफ नहीं हैं प्रमोद कृष्णम
प्रमोद कृष्णम ने कहा कि कांग्रेस की कमान प्रियंका गांधी को सौंपी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष पद को स्वीकार नहीं करते हैं तो पार्टी की कमान प्रियंका गांधी को दी जानी चाहिए। कई नेता और कार्यकर्ता ऐसा मानते हैं। लेकिन फिर पार्टी के कुछ सदस्य कहने लगे कि मैं राहुल गांधी के खिलाफ हूं, मैं नहीं हूं, मैं क्यों रहूंगा ?
उन्होंने कहा कि अगर राहुल गांधी पद को स्वीकार नहीं करते हैं तो इतनी बड़ी पार्टी को एक ऐसे चेहरे की जरूरत है जो युवाओं और पार्टी के अनुभवी सदस्यों के बीच तालमेल बिठा सके, कई लोगों के अनुसार यह चेहरा प्रियंका गांधी का है। वह सबसे पसंदीदा कांग्रेस नेताओं में से एक हैं।