By दिनेश शुक्ल | Jan 01, 2021
भोपाल। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में विद्युत विभाग की कार्रवाई से परेशान किसान द्वारा आत्महत्या करने के मामले में राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस ने किसान की आत्महत्या को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने मातगुवां में एक किसान द्वारा आत्महत्या कर लेने को मध्य प्रदेश के माथे पर कलंक बताते हुए कहा है कि किसान ने अपने सुसाइड नोट में यह लिखा है कि उसका शव सरकार को सौंप दिया जाए, ताकि वह उसके अंग बेचकर बिजली का बिल चुका दे। बिजली बिल वसूली की यह क्रूरतम घटना है।
भूपेन्द्र गुप्ता ने इस मामले पर भाजपा सरकार का घेराव करते हुए कहा कि बिजली वसूली और बड़े हुए 10 गुने बिल मध्य प्रदेश की कितनी बड़ी समस्या है, यह घटना उसका प्रमाण है। बताते हैं कि मृतक की मोटर साइकिल बिजली विभाग ने पहले ही जप्त कर ली थी। मृतक की एक भैंस करंट से मर गई और तीन भैंसे चोरी हो गईं थी। एक तरफ स्वयं मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि बड़े हुए बिजली के बिल जमा मत करना, दूसरी तरफ बिजली विभाग गरीबों की कुर्कियां कर रहा है, उनके घर के सामान उठा रहा है। यह विरोधाभास ही सैकड़ों जानों का दुश्मन बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि इसी तरह की एक घटना टीकमगढ़ में रिपोर्ट हुई है। जिसमें 92 हजार के बिजली बिल चुका न पाने के कारण किसान ने आत्म हत्या की है। सरकार को चाहिए कि तत्काल दोषी कर्मचारियों और अधिकारियों को दंडित करे तथा मृतक किसान के परिवारों को दस-दस लाख मुआवजा दें। गौरतलब है कि मामला मातगुवां गांव का है। 35 वर्षीय मुनेंद्र राजपूत ने बुधवार को फांसी लगा ली और एक सुसाइड नोट छोड़ा। पुलिस ने बताया कि 35 वर्षीय युवक ने गांव में आत्महत्या की। बिजली का बिल भुगतान न करने पर ऊर्जा कंपनी ने उसकी आटा चक्की और मोटरसाइकिल जब्त कर ली थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है।