Nehru Memorial का नाम बदलने पर कांग्रेस का बीजेपी पर हमला, उनका एकमात्र एजेंडा नेहरू और उनकी विरासत को नकारना है

By अंकित सिंह | Aug 16, 2023

राष्ट्रीय राजधानी में नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (एनएमएमएल) का आधिकारिक नाम बदलने को लेकर कांग्रेस केंद्र सरकार पर हमलावर हो गई है। कांग्रेस ने साफ तौर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के स्वतंत्रता संग्राम में जवाहरलाल नेहरू के महान योगदान को कभी नहीं छीन सकते। एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपने आधिकारिक हैंडल पर जयराम रमेश ने बुधवार को पोस्ट किया, आज से एक प्रतिष्ठित संस्थान को नया नाम मिला। विश्व प्रसिद्ध नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (एनएमएमएल) पीएमएमएल-प्रधानमंत्री स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय बन गया है। 

 

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इसके साथ ही जयराम रमेश ने कहा कि मोदी के पास भय, जटिलताओं और असुरक्षाओं का एक बड़ा बंडल है, खासकर जब बात हमारे पहले और सबसे लंबे समय तक प्रधान मंत्री की आती है। उनका एकमात्र एजेंडा नेहरू और नेहरूवादी विरासत को नकारना, विकृत करना, बदनाम करना और नष्ट करना है। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि नेहरू जी ने स्वतंत्रता आंदोलन में बड़ा योगदान दिया और आज़ादी दिलाने में मदद की। जिस व्यक्ति ने इस देश को आज़ादी दिलाई उस व्यक्ति के नाम पर रहे नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी का नाम बदलना देश के लिए अपमानजनक है। जवाहरलाल नेहरू ने इतनी लंबी लकीर खींच दी है कि उन्हें आपकी दया की ज़रूरत नहीं है। उनका नाम अमर है। 

 

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कांग्रेस के नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि नाम बदलना अब रोजमर्रा की बात हो गई है। मेरी राय में राजनीति में बदलाव के हिसाब से नाम नहीं बदलने चाहिए। देश में कुछ नई चीज बनती है तो उसको नाम दें। मुझे नहीं लगता कि संस्थानों के नाम बदलने को लेकर लोगों में कोई सराहना है। कांग्रेस सांसद व नेता शशि थरूर ने कहा कि यह अफ़सोस की बात है कि नौबत यहां तक आ गई। मुझे लगता है कि सभी प्रधानमंत्रियों को समायोजित करने के लिए इमारत का विस्तार करने का विचार एक अच्छा विचार है लेकिन इस प्रक्रिया में अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने वाले पहले प्रधानमंत्री जो स्वतंत्रता के बाद प्रधानमंत्री रहे, उनका हटाना एक छोटी बात है। वे अब तक सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले पीएम हैं। आप इसे नेहरू मेमोरियल प्राइम मिनिस्टर्स म्यूजियम कहना जारी रख सकते थे। यह तुच्छता दुर्भाग्यपूर्ण है और यह हमारे अपने ऐतिहासिक अतीत के प्रति एक निश्चित कड़वाहट को दर्शाता है। 

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