By नीरज कुमार दुबे | Aug 01, 2023
जयपुर-मुंबई सेंट्रल एक्सप्रेस में सोमवार को हुई एक आरपीएफ कांस्टेबल की ओर से की गयी फायरिंग की घटना को कांग्रेस और एआईएमआईएम जैसे कुछ दल सांप्रदायिक रंग देने में लगे हुए हैं। हम आपको बता दें कि कांस्टेबल चेतन सिंह की ओर से की गयी फायरिंग में एक एएसआई और तीन यात्रियों की मृत्यु हो गयी थी। मारे गये अधिकारी की पहचान एस्कॉर्ट ड्यूटी प्रभारी एएसआई टीका राम मीणा के रूप में हुई है और मृत यात्रियों की पहचान पालघर के नालासोपारा के अब्दुल कादरभाई मोहम्मद हुसैन भानपुरवाला (48), बिहार के मधुबनी के असगर अब्बास अली (48) और सदर मोहम्मद हुसैन के रूप में हुई है।
रेलवे पुलिस का बयान
इस घटना का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें आरोपी कांस्टेबल कथित तौर पर शवों के पास मौजूद दिखा है और वह हत्याओं को स्पष्ट रूप से उचित ठहरा रहा है। इस बारे में पूछे जाने पर राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के आयुक्त रवींद्र शिस्वे ने मीडियाकर्मियों को बताया है कि घटना के पीछे का सटीक कारण अभी तक पता नहीं चला है और जांच जारी है। उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस एस्कॉर्ट दल में शामिल यात्रियों और आरपीएफ कर्मियों व पेंट्री कार के कर्मचारियों से पूछताछ कर रही है।’’ शिस्वे ने कहा कि वायरल वीडियो क्लिप की अन्य सामग्रियों के साथ जांच की जा रही है। शिस्वे ने कहा, “किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचना और इस स्तर पर, कुछ भी टिप्पणी करना या जांच के बारे में कोई विवरण साझा करना जल्दबाजी होगी।”
कांग्रेस का बयान
उधर, इस मामले को सांप्रदायिक रंग देते हुए कांग्रेस के संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने कहा, ‘‘आरपीएफ कांस्टेबल द्वारा की गई नृशंस हत्याएं समाचार मीडिया और सोशल मीडिया के अति-आवेशित और अत्यधिक ध्रुवीकृत माहौल का परिणाम है। नफरत का जिन्न अब बोतल से बाहर आ गया है और इसे वापस अंदर डालने के लिए सामूहिक प्रयास की बहुत जरूरत होगी।’’ जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ''भारत जोड़ो यात्रा के संदेश का उद्देश्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की विचारधारा और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पूर्वाग्रह और ध्रुवीकरण की राजनीति के कारण फैल रही नफरत और हिंसा को कम करना था। इसका शीर्ष नेतृत्व भारत के सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाने में शामिल है। बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक जल्द ही नफरत और प्रतिशोध की इस राजनीति को खारिज कर देगा।’’
ओवैसी की प्रतिक्रिया
उधर, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस घटना को लेकर ट्वीट किया, ''यह एक आतंकी हमला है जिसमें विशेष रूप से मुसलमानों को निशाना बनाया गया है। यह मुस्लिम विरोधी नफरत फैलाने वाले भाषण और इसे खत्म करने में नरेन्द्र मोदी की अनिच्छा का परिणाम है। क्या आरोपी आरपीएफ जवान भाजपा का भावी उम्मीदवार बनेगा।’’ उन्होंने पूछा, “क्या उसकी जमानत को सरकार समर्थन करेगी? क्या रिहा होने पर उसे माला पहनाई जाएगी? गलत साबित होने पर खुशी होगी।” वहीं बसपा सांसद कुंवर दानिश अली ने भी इस घटना के लिए भड़काऊ भाषणों को जिम्मेदार ठहराया है।