भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा की खाली हुई 27 सीटों पर होने वाले आगामी उपचुनाव को लेकर कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर गंभीर आरोप लगाए है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी में ग्वालियर-चंबल संभाग के मीडिया प्रभारी के.के मिश्रा ने आरोप लगाते कहा है कि चुनाव आयोग ने 20 जुलाई को कहा, कोरोना की वजह से चुनाव बढेंगे, 23 जुलाई को कहा सितम्बर अंत तक समय पर ही होंगे, 25 जुलाई मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चिरायु अस्पताल में भर्ती होते है, इस दौरान उनकी सारी प्रशासनिक गतिविधि, प्रचार अभियान, तबादला उद्योग से सम्बन्धित फाइलों का कार्य सुचारू रूप से संचालित होता है, कुछ दिनों बाद सुबह पॉजिटिव होने के बाद उसी दिन वे डिस्चार्ज भी हो जाते है, 26-27 जुलाई मुख्य सचिव, आयोग को चुनाव आगे बढ़ाने को लेकर पत्र लिखते हैं? यह प्रामाणिक राजनैतिक लक्षण सरकार के चुनावी मैदान से पलायन और रणछोड़दास हो जाने के स्पष्ट प्रमाण है ?
के.के. मिश्रा ने शिवराज सरकार पर कोरोना के नाम पर उपचुनाव टलवाने का गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि आखिरकार सरकार इससे डर क्यों रही है। मिथुन राशि का कौन सा “क” उसे भयभीत किये हुए है- कोरोना, कांग्रेस या कमलनाथ ? मिश्रा ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री जी के ही कथनानुसार ही कोरोना-वोरोना सिवाय सर्दी-खाँसी के अलावा कुछ भी नहीं है, प्रदेश में कोरोना की रिकवरी रेट बढ़ गई है, आर्थिक गतिविधियों को अधिक दिनों तक रोका नहीं जा सकता है, मध्य प्रदेश स्वर्णिम हो गया है, रामराज्य आ रहा है, अब आत्मनिर्भर होने की बारी है, तो उसे उपचुनावों को लेकर मिथुन राशि वाले किस “क” से आखिरकार डर सता रहा है, कोरोना, कांग्रेस या कमलनाथ जी से ?