By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 25, 2018
नयी दिल्ली। कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार राफेल ‘घोटाले’ को ‘दबाने’ के लिए सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा की ‘जासूसी’ का सहारा ले रहे हैं। इससे पहले सूत्रों ने दावा किया था कि आलोक वर्मा के आधिकारिक आवास के बाहर चार लोगों को ‘घूमते’ पाया गया। पुलिस उन लोगों से पूछताछ कर रही है। पुलिस उपायुक्त मधुर वर्मा ने हालांकि इस बात से इनकार किया कि चार लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी के वरिष्ठ नेता अभिषेक सिंघवी ने एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि राफेल-ओ-फोबिया से पीड़ित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीबीआई की जासूसी और निगरानी में शामिल हैं। इन आरोपों पर प्रधानमंत्री कार्यालय से तत्काल प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी। खड़गे ने वर्मा को हटाए जाने पर आपत्ति जताते हुए प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा है।
खड़गे और सिंघवी ने आरोप लगाया कि खुफिया ब्यूरो ऐसे अधिकारी की जासूसी कर रहा था जो राफेल घोटाले में संदेहास्पद लेन-देन का खुलासा करने वाले थे। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्विटर पर लिखा, ‘सीबीआई निदेशक को रात में दो बजे अवैध रूप से हटा दिया गया। आज, आईबी के चार सदस्य उनके घर के बाहर घूमते हुए पकड़े गए।’
उन्होंने इसे रोमांचक मोड़ बताया जहां अपराध और राजनीतिक कुचक्र का मेल होता है। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को प्रधानमंत्री पर आरोप लगाया था कि राफेल ‘घोटाले’ की जांच से रोकने के लिए वर्मा को हटाया गया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हालांकि इन आरोपों को खारिज किया है।