सिंधिया ने विचाराधारा पर व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा को दी तरजीह: कांग्रेस

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 11, 2020

नयी दिल्ली। कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने मंगलवार को पार्टी छोड़ने के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने लोगों के साथ विश्वासघात किया और ‘‘व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा’’ को विचारधारा से ऊपर रखा। सिंधिया पर हमला बोलते हुए, कई कांग्रेस नेताओं ने ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ 1857 के विद्रोह और सिंधिया राजघरानों की भूमिका का जिक्र किया और साथ ही 1967 में विजया राजे सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने का भी हवाला दिया। 

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कांग्रेस के प्रमुख युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और उनके भाजपा में शामिल होने की संभावना है। कांग्रेस ने पार्टी विरोधी गतिविधि के कारण पार्टी के महासचिव एवं पूर्ववर्ती ग्वालियर राजघराने के वंशज ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी से निष्कासित कर दिया। इस संबंध में प्रतिक्रिया देते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सिंधिया पर लोगों के भरोसे और विचाराधारा के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया । गहलोत ने कहा कि उनके जैसे लोग सत्ता के बिना नहीं रह सकते हैं तो जितनी जल्दी वे चले जाएंगे, उतना ही अच्छा है।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘राष्ट्रीय संकट के समय किसी नेता के भाजपा में शामिल होने से उसकी राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा झलकती है। खास तौर से ऐसे समय में जब भाजपा अर्थव्यवस्था, लोकतांत्रिक प्रतिष्ठानों, सामाजिक ढांचे और न्यायपालिका को बर्बाद कर रही है।’’ लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सिंधिया के लिए विचारधारा कोई मायने नहीं रखती है। उन्होंने दावा किया कि पार्टी छोड़ने के उनके निर्णय में  राजनीतिक सुविधा  और  व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा  की बड़ी भूमिका है।

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उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी की तरफ से मिले प्रलोभन एवं लालच की वजह सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ी है। चौधरी ने प्रेट्र को बताया कि यह कांग्रेस पार्टी के लिए एक दुखद खबर है क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में पार्टी ने सिंधिया को आगे बढाया है। कुछ नेताओं ने पार्टी की स्थिति पर भी चिंता व्यक्त की। हरियाणा कांग्रेस नेता एवं विधायक कुलदीप विश्नोई ने कहा कि सिंधिया का कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है। इस बीच मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री जीतू पटवारी ने ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ 1857 के विद्रोह तथा सिंधिया की दादी विजया राजे सिंधिया के 1967 में कांग्रेस छोड़ने का जिक्र किया।

भारतीय युवा कांग्रेस के प्रमुख श्रीनिवास बी वी ने सिंधिया पर हमला करते हुए उन्हें पार्टी से निकालने के लिए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि गुना के पूर्व सांसद पार्टी विरोधी गतिविधि और खेमेबाजी को प्रोत्साहित कर रहे थे। श्रीनिवास ने कहा, ‘‘1857 और 1967 का इतिहास एक बार फिर से दोहराया गया है ।’’ उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति पार्टी से बड़ा नहीं होता है। मध्य प्रदेश में बगावत का हवाला देते हुए कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख दिनेश गुंडूराव ने कहा कि अब समय आ गया है कि राहुल गांधी पार्टी का नेतृत्व करें और पार्टी में आमूलचूल बदलाव करें।

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