वाम, श्री राम और मुसलमान के बीच कंफ्यूज हुई कांग्रेस, साथ किसका ले और सिमटते वजूद को बचाए किधर से?

By अभिनय आकाश | Mar 02, 2021

पश्चिम बंगाल में एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत लगाई हुई है। वहीं दूसरी तरफ देश की ग्रैंड ओल्ड पार्टी कांग्रेस किसका साथ ले और किसका नहीं इसको लेकर कनफ्यूजन में है। बंगाल चुनाव में सबसे ज्यादा कनफ्यूजन में कांग्रेस पार्टी चल रही है और पार्टी का स्टैंड स्पष्ट नहीं नजर आ रहा। वाम हो श्रीराम हो या मुसलमान वोटर हर मुद्दे पर कांग्रेस का कनफ्यूजन है। कांग्रेस का ये कन्फूजन लेफ्ट को  लेकर भी है। उसने बंगाल, असम और तमिलनाडु में तो लेफ्ट पार्टियों से गठबंधन किया है लेकिन केरल में उसे चुनौती दे रही है। कांग्रेस की इस दोहरी चाल ने वोटरों को भी कंफ्यूज कर दिया है। 824 सीटों की असेंबली इलेक्शन में कांग्रेस और वामपंथी पार्टियों का हाल कुछ ऐसा ही है। लेफ्ट फ्रंट हो या कांग्रेस दोनों के लिए ये चुनाव अपने सिमटते वजूद को बचाने के लिए चुनौती बन गया है। जब सवाल सिकुरती हुई सियासी जमीन बचाने का हो तो कांग्रेस को लाल सलाम करने से ऐतराज नहीं होता। चाहे वो तमिलनाडु, असम या बंगाल हो। 

कोलकाता में थर्ड फ्रंट की एक रैली थी और सीपीएम नेता मोहम्मद सलीम अपने साथी पीरजादा अब्बास सिद्दीकी को मंच पर लाते हैं और वहां भाषण दे रहे कांग्रेस के प्रदेश अध्य़क्ष व लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी भड़क उठते हैं। मंच छोड़कर जाने लगते है। लेकिन तभी दिग्गज वामपंथी लीडर विमान बोस उन्हें भाषण जारी रखने का इशारा करते हैं। 

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बंगाल में सीटों के बंटवारे को लेकर लेफ्ट कांग्रेस और आईएसएफ का लव-हेट ट्रैंगल तो बना ही हुआ है। अब कांग्रेस के भीतर भी इसको लेकर सिर फुटौव्वल हो गई है। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने पीरजादा अब्बास सिद्दीकी के साथ गठबंधन को लेकर सवाल उठाए। उन्हें एक के बाद एक कई ट्वीट करके पूछा कि अगर कांग्रेस सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है तो फिर वो पीरजादा के साथ गठबंधन कैसे कर सकती है। आनंद शर्मा के ट्वीट के बाद अधीर रंजन ने सफाई दी कि पीरजादा के साथ गठबंधन को कांग्रेस आलाकमान से हरी झंडी है। 

आनंद शर्मा के बयान से पार्टी नाराज

सूत्रों के अनुसार आनंद शर्मा के रूख से कांग्रेस पार्टी नाराज बताई जा रही है। खबरों के अनुसार पार्टी को आनंद शर्मा का इस तरह सार्वजनिक रूप से सवाल उठाया जाना पसंद नहीं आया। कांग्रेस का कहना है कि अगर किसी भी नेता को अपनी बात कहनी है तो वह पार्टी फोरम में आकर कहे। चुनाव से पहले इस तरह की बयानबाजी से पार्टी को नुकसान हो सकता है। 

बीजेपी ने बताया कनफ्यूज पार्टी

कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ताों की मानसिकता क्यों नहीं कनफ्यूज होगी? जब उनके एक नेता एक समय में दो प्रदेशों में चुनाव होते हैं तो केरल जाते हैं वहां सीपीएम को गाली देते हैं। वहां से बंगाल आकर वहीं नेता सीपीएम की प्रशंसा करते हैं। उन्हें गले लगाते हैं। नेता कनफ्यूज हैं, कार्यकर्ता कनफ्यूज हैं और देश की जनता भी कनफ्यूज हो गई कि आखिर ये कांग्रेस पार्टी है क्या?


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