मणिपुर में इंफाल घाटी के जिलों में उगाही से जुड़ी शिकायतें बढ़ रही हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। अतिरिक्त सचिव (गृह) एम प्रदीप सिंह ने बताया कि राज्य सरकार सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए काम कर रही है, लेकिन सशस्त्र बदमाश इन प्रयासों में बाधा डाल रहे हैं।
उन्होंने मंगलवार को कहा, ‘‘हमारे पास सूचना है कि ऐसे बदमाश पुलिस कमांडो का वेष धारण करके घूम रहे हैं। उगाही करने और धमकियां देने जैसे उनके कृत्यों ने पुलिस के प्रयासों में बाधा उत्पन्न की है।’’
सिंह ने कहा, ‘‘हमें घाटी के विभिन्न जिलों से रिपोर्ट मिली है कि जबरन वसूली और धमकियों से जुड़ी शिकायतें बढ़ गई हैं।’’ उन्होंने बताया कि पुलिस ने इन शिकायतों को गंभीरता से लिया है और मामलों को हल करने के लिए प्रतिबद्ध है।
सिंह के मुताबिक, मणिपुर पुलिस ने सशस्त्र बदमाशों से निपटने के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थानों पर जांच चौकियां स्थापित करने और तलाश अभियान चलाने समेत कई कदम उठाए हैं।
अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में जनजातीय एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद तीन मई को राज्य में जातीय हिंसा भड़क गई थी, जिसमें अब तक 175 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों अन्य लोग घायल हुए हैं।
मणिपुर की आबादी में मेइती समुदाय के लोगों की आबादी लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी आदिवासियों की आबादी 40 प्रतिशत से अधिक है और वे ज्यादातर पर्वतीय जिलों में रहते हैं।